लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है मीडिया
उपजा प्रेस क्लब के 38 वें स्थापना दिवस पर पत्रकारों ने लिया एकजुटता का संकल्प
बरेली। वरिष्ठ पत्रकार और लोकतंत्र रक्षक सेनानी वीरेंद्र अटल ने यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन उपजा बरेली के उपजा प्रेस क्लब में हुए 38 वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। मीडिया से जुड़े सभी साथियों को आज संकल्प लेना है कि समाज के सामने इस चौथे स्तंभ को मजबूती के साथ पेश करेंगे। इस बात का सभी संकल्प लें।
वीरेंद्र अटल ने कहा कि डॉक्टर पवन सक्सेना के कार्यकाल में उपजा प्रेस क्लब में काफी तरक्की की थी और इस स्थापना दिवस पर उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सभी पत्रकार साथियों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की। इस मौके पर उन्होंने कवि दुष्यंत की गजल पेश करते हुए कहा कि सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी तो कोशिश है कि सूरत बदलनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र मनुज ने कहा कि पिछले 38 वर्षों का हमारे सामने बहुत ही संघर्ष पूर्ण इतिहास है और उपलब्धियां भी हैं। महेंद्र मनुज ने कहा कि बीच-बीच में समस्याएं आती रहीं जाती रहीं लेकिन यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने 1985 से लेकर आज तक तमाम समस्याएं आई और चली गईं लेकिन हमें सबका सहयोग मिला। हम तटस्थ भाव से काम करते रहे हैं और भविष्य में भी तटस्थ भाव से काम करते रहेंगे। महेंद्र मनुज ने कहा कि उपजा प्रेस क्लब गांव और कस्बों तक जाएगा। क्षेत्रीय पत्रकारों को एकजुट किया जाएगा और उन्हें यहां अपने मुख्यालय बुलाकर उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार संजीव गंभीर ने कहा कि वह स्थानीय शाखा के प्रोत्साहन और सहयोग के बूते ही सन 2018 में चंदौली के अंदर हुए चुनाव में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष चुना गया था और बाद में दो साल और काम करने का मौका मिला था। इस तरीके से 4 साल यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन की प्रदेश इकाई में रहकर काम किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उपजा के प्रांतीय पदाधिकारी लगातार बरेली इकाई की कुशलक्षेम पूछ रहे हैं और बहुत जल्द प्रांतीय पदाधिकारी बरेली पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि बरेली के स्थानीय पत्रकार एकजुट रहें। समस्याएं आती हैं और खत्म होती रहती हैं ऐसा कोई भी कार्य ना करें जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति हम पर हावी होने की कोशिश करें इसलिए स्थापना दिवस पर एकजुटता बनाए रखने का संकल्प लें।
बरेली के वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण के पूर्व मुख्य उप संपादक रह चुके निर्भय सक्सेना ने 1985 में बरेली में यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन बरेली इकाई के उपजा प्रेस क्लब की स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। निर्भय सक्सेना ने बताया की उपजा प्रेस क्लब का मौजूदा स्वरूप बनाने में कई पूर्व के वरिष्ठ पत्रकारों का काफी सहयोग है। किसी जमाने में पत्रकार नावल्टी चौराहा स्थित इस उपजा प्रेस क्लब के अंदर जमीन पर दरी बिछा कर बैठते थे और चर्चाएं करते थे । बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी समेत कई बड़े प्रदेश के नेताओं के सहयोग से उपजा प्रेस क्लब को अच्छा स्वरूप दिया जा सका। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को भी उपजा के एक प्रदेश कार्यक्रम में आईवीआरआई में आना था पर मौसम खराबी से उनका जहाज बरेली नही सका। उनका केवल संदेश ही मिला। इसके अलावा डॉ पवन सक्सेना के कार्यकाल में भी बरेली के ऊबेरॉय होटल में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन हुआ था जिसमें प्रदेश के कोने-कोने से नामचीन बड़े पत्रकार बरेली पहुंचे थे।
1985 में तत्कालीन कमिश्नर अनादि नाथ सेगल पत्रकार संगोष्ठी कक्ष उपजा को सोपा था। जिसका उद्घाटन तत्कालीन कमिश्नर डॉ अनादि नाथ सहगल ने 28 फरवरी 1985 को अपने हाथों से किया था। उस समय उपनगर अधिकारी आसिफ अली खान को प्रशासक वीके गुप्ता और प्रशासक डॉ जी डी माहेश्वरी हुआ करते थे। जिसका पत्थर आज भी प्रेस क्लब में लगा हुआ है।
उपजा प्रेस क्लब का शुभारंभ के बाद तत्कालीन नगर महापालिका द्वारा उस समय दुकानों के ऊपर छत प्रदान की गई थी जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी से मिले पांच लाख के अनुदान एवम धन संग्रह करके छत के ऊपर हाल बनवाया था। इस उपजा प्रेस क्लब में मुंशी प्रेम नारायण, जे बी सुमन, शंकर दास के बाद कई साल रामदयाल भार्गव अध्यक्ष रहे। और बड़े-बड़े आयोजन समय-समय पर होते रहे थे। बाद में पवन सक्सेना ने अध्यक्ष बने और उपजा प्रेस क्लब को नई ऊंचाई पर ले गए।
उपजा प्रेस क्लब के 38 में स्थापना दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब में मौजूद प्रदेश सदस्य पुत्तन सक्सेना, महामंत्री धर्मेंद्र सिंह बंटी, वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र मनुज, निर्भय सक्सेना, वीरेंद्र अटल, आशीष जौहरी, विजय सिंह, मुकेश तिवारी, अजय मिश्रा, संजीव गंभीर, अशोक शर्मा, प्रदेश सदस्य पुत्तन सक्सेना, नीरज आदि ने अपने अपने विचार प्रकट करते हुए सभी पत्रकारों से आपसी मतभेद भूलकर उपजा को मजबूत बनाने का आवाहन किया और संकल्प भी लिया।