होली: चाहे बरसाना हो या वृंदावन मंदिरों में जमकर रंग-गुलाल उड़ रहा भीड़ का सैलाब

मथुरा। होली (Holi 2023) नजदीक आते ही मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ रही है. चाहे बरसाना हो या वृंदावन मंदिरों में जमकर रंग-गुलाल उड़ रहा है. हजारों की संख्या में दर्शनार्थी रंगों में सराबोर होने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि दूर-दराज से आने वाले भक्तों को अक्सर ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हुए कभी भक्तों की चप्पल और जूते खो जाते हैं तो कई बार बड़े-बुजुर्गों या कई रोगों से जूझ रहे लोगों को भारी भीड़ में फंसने के कारण दिक्कतें होती हैं. दर्शनार्थियों की ऐसी ही कई परेशानियों को ध्यान में रखते हुए वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने सभी लोगों से भावुक अपील की है और होली के अवसर पर कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है.
बांके बिहारी मंदिर की ओर से भक्तों से कहा गया है कि होली के अवसर पर मंदिर में भगवान का प्रसादी रंग और गुलाल भक्तों पर फेंका जाता है. ऐसे में बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांगजन, सांस के मरीज और जिन लोगों को रंग या गुलाल से एलर्जी की समस्या है वे इस समय मंदिर में आने से परहेज करें. इतना ही नहीं मंदिर में टेसू के फूलों से बना रंग और हर्बल गुलाल ही फेंका जाता है, जो नुकसान नहीं पहुंचाता, लिहाजा बाहर से लाया हुआ कैमिकल वाला रंग या गुलाल लाकर भक्तों पर न डालें, इससे कई लोगों को परेशानी हो सकती है.

मंदिर की ओर से कहा गया है कि भक्त मंदिर में सोने-चांदी के आभूषण या कीमती सामान पहनकर न आएं. मोबाइल फोन या पर्स का विशेष ध्यान रखें. मंदिर परिसर या आसपास में जेबकतरों से सावधान रहें. अगर बच्चों या वृद्धों को साथ ला रहे हैं तो उनकी जेब में नाम और पते की पर्ची जरूर रखें. ताकि बिछुड़ने पर सूचना दी जा सके. भक्तगण पुलिस प्रशासन द्वारा बनाए गए एकल रूट से ही मंदिर में प्रवेश करें और बाहर निकलें. मंदिर की ओर से किए जा रहे अनाउंसमेंट को ध्यान से सुनें. किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की जानकारी आसपास खड़े पुलिस कर्मचारी को दें.
बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन का कहना है कि मंदिर परिसर के पास जूते-चप्पल रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए दर्शनार्थी मंदिर परिसर में जूते-चप्पल पहनकर न आएं. जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था मंदिर से कुछ दूरी पर विद्यापीठ चौराहा, गौतम पाड़ा, जुगल घाट, जादौन कार पार्किंग और हरिनिकुंज चौराहा पर बनाए गए जूता घर में की गई है. इसलिए भक्त अपने महंगे-जूते चप्पल जूता घरों, गाड़ी, होटल में उतार कर नंगे पैर ही दर्शनों के लिए आएं.
दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए इस बार खोया पाया केंद्र मंदिर कार्यालय और बांके बिहारी पुलिस चौकी पर बनाया गया है. हालांकि ध्यान रहे कि यहां जूते-चप्पलों के गुम होने पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.