राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ का दशम् दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
डॉ0 भीमराव आंबेडकर के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह डॉ0 आंबेडकर की ही देन है कि आज मैं आप सभी के सामने खड़ी हूँ। वे मेरे लिए ईश्वर के समान हैं।“ यह बातें भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बतौर मुख्य अतिथि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के दसवें दीक्षांत समारोह में कही।
राष्ट्रपति जी द्वारा कुल 10 विद्यार्थियों को पदक, 2 आर0 डी0 सोनकर अवार्ड तथा 3808 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयी। वर्ष 2021 के लिए परास्नातक के पॉलिटिकल साइंस के विद्यार्थी दिलीप वर्मा और सत्र 2022 के लिए एम0 ए0 हिस्ट्री के अमरदीप कुमार बादल को आर0 डी0 सोनकर पुरस्कार दिया गया। सत्र 2021 के स्नातक के दो टॉपर्स- बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी की आराध्या श्रीवास्तव (ओपन कैटेगरी) और बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी की रिया गौतम को आरक्षित श्रेणी में गोल्ड मेडल दिया गया। सत्र 2022 में स्नातक के दो टॉपर्स – बी0 वॉक, फ्लोरीकल्चर एंड लैंडस्केप गार्डेनिंग के आर्य अरुण कुमार को ओपन कैटेगरी तथा बीटेक कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के सुरजीत कुमार को आरक्षित श्रेणी में मेडल प्रदान किया गया। सत्र 2021 के परास्नातक के दो टॉपर्स एमएससी साइबर सिक्योरिटी से संजय एम0 तरडे को ओपन कैटेगरी और एमएससी (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर की सोनम मीणा को आरक्षित श्रेणी में मेडल प्रदान किया गया। सत्र 2022 के दो परास्नातक टॉपर्स में एमएससी (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर की शैली को ओपन कैटेगरी और एमएससी (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर की कुमारी दीक्षा संघ मित्रा को आरक्षित श्रेणी में मेडल प्रदान किया गया। इस वर्ष दो सत्र के मेधावियों को, सत्र 2021 और सत्र 2022 के मेधावियों को उपाधि प्रदान की गयी। उन्होंने मेडल और उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए विशेष है आज के दिन के लिए विद्यार्थी कठिन परिश्रम करते हैं।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले मेधावियों में 60 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है, मैं इन बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अपने लक्ष्य पर अडिग रहने तथा लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब का पूरा जीवन संघर्षों से भरा था मगर फिर भी कठिन परिश्रम और मूल्य आधारित जीवन शैली अपनाकर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और आज समाज उन्हें भारत के संविधान शिल्पी के रूप में याद करता है। उनके जीवन और सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए, उनके दिखाए मार्ग पर चलकर विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्य साध, सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
राष्ट्रपति जी ने अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों की आवश्यकता पर जोर देते हुए विद्यार्थियों से शिक्षक और प्रोफेसर बनने आग्रह किया, ताकि एक सशक्त देश का निर्माण हो सके। उन्होंने विवि के वातावरण और हरे भरे परिसर, नो मोटर वेहिकल डे जैसे प्रयासों की सराहना की। अपने संबोधन में उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की चर्चा करते हुए शिक्षा को उद्योगों और व्यापार के वातावरण से जोड़ने का आग्रह किया और कहा कि विश्वविद्यालयों को अधिक से अधिक जनकल्याण के अनुसंधान करने पर जोर देना चाहिये। राष्ट्रपति जी ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की बात कही। भारत को विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में विकसित होने की बात को प्रमुखता से उजागर करते हुए राष्ट्रपति महोदया ने शिक्षण संस्थानों से इस मौके का पूरा लाभ उठाने की बात कही तथा रिसर्च और इन्नोवेशन के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने, कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने का आह्वान किया।
उन्होंने बिरसा मुंडा एक्टिविटी सेंटर के बारे में बात करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा का पूरा जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, उनके नाम पर बना यह सेंटर विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास में योगदान करेगा।
इस अवसर पर राष्ट्रपति जी ने विवि के नवनिर्मित बिरसा मुंडा स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर का उद्घाटन भी किया।
समारोह में विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने शैक्षणिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेंद्र उपाध्याय, विवि के कुलाधिपति डॉ0 प्रकाश सी0 बरतुनिया उपस्थित थे।