न्यूरिया।बंगाली कालोनी में मुक्तिधाम भरतपुर मार्ग नीमतला में श्रीमद भागवत में पठानकोट से आये प्रवक्ता अतुल कृष्ण शास्त्री ने कथा में आज पांचवे दिन राधे राधे के जाप के साथ कृष्ण के माता पिता ने कंश के द्वारा किये अत्याचारों को सुनाया। जिसके बाद आज शास्त्री जी ने श्री कृष्ण के बाल्यावस्था में गायों को चराने और उनकी पूजा करने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया श्री कृष्ण गौ चारों में गाय चराने जाते थे ।और वही अपनी अद्भुत लीलाएं दिखाकर लोगों को मनमोहित करते थे ।वह अपनी बांसुरी की धुन में जंगल के समस्त जीव जंतु एवं जानवरों को मनमोहित कर लेते थे साथ ही अपनी प्रेम संगिनी राधा जी के साथ रासलीला करते थे शास्त्री जी ने बताया की महापुरुष महापुरुष चेतन देव जगन्नाथपुरी में एकादशी का व्रत कर रहे थे जिसमे प्रसाद बांट रहा था और भक्तगण प्रसाद ग्रहण कर रहे थे लेकिन एक ऐसा राक्षस जिस को निमंत्रण दिया गया वह उस निमंत्रण में प्रसाद ग्रहण करने नहीं आया लेकिन उसे जब बाद में पता लगा श्रीकृष्ण की लीलाओं का तब उसने क्षमा प्रार्थना कर माफी मांगी और उनके लीलाओं को सराहना दी। अतुल शास्त्री ने मंच से कहा कि मनुष्य को अपने ह्रदय में कभी भूलकर भी जगह नही देनी चाहिए।मनुष्य को हमेशा सत्मार्ग पर चलकर प्रभु का नाम स्मरण कर जीवन जीना चाहिए क्योंकि जो मानव अपने जीवन मे पाप करता है बो इसी जन्म में किये गए पापो को भरता है।सत्कर्म करने मात्र से ईश्वर हमेशा मनुष्य के अंदर सत्य की ज्वाला प्रजज्जुलित करता है।और मानव को इससे मोक्ष प्राप्त होता है। भागवत कथा कमेटी ने बताया कि 22जनवरी को विशाल भंडारा के साथ श्री मद भागवत कथा का समापन किया जाएगा।कथा में आज हजारो की संख्या में खरगापुर रामपुरिया खटीमा नौजलिया कॉलोनी ,गदरपुर ,रुद्रपुर गांव और जोशी कॉलोनी तथा कई लोग दूसरे शहर से भागवत सुनने के लिए आएभक्त गण समेत भागवत प्रचार मंडल के पदाधिकारी उपस्थित रहे। रिजवान खान