राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा और सदन से वॉकआउट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से शुरू हुआ। बजट सत्र का पहला दिन ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के दौरान अभिभाषण बड़े हंगामे की भेंट चढ़ गया। समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल के सामने प्रदर्शन के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया। लगभग 45 मिनट का अभिभाषण राज्यपाल का रहा, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, विधान परिषद के पूर्व और वर्तमान दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद विधान परिषद की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधान भवन में विधानसभा सदस्यों तथा विधान परिषद सदस्यों के सामने जैसे ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण शुरू किया, वैसे ही सपा, बसपा व कांग्रेस के सदस्य उनके आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद सभी ने एक साथ वॉकआउट कर दिया। इन सबके बीच भी राज्यपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा। राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान हंगामे के बीच में कहा कि कोरोना काल में सरकार ने अच्छा काम किया। इसको लेकर देश भर में प्रदेश सरकार की प्रशंसा की गई है। यहां हर जिले में आईसीयू की स्थापना हुई। प्रदेश मे तो एक्सप्रेस-वे तेजी से बनाए जा रहे हैं। नोएडा के जेवर में एशिया से सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में तय समय पर गेहूं व धान की सरकारी खरीद हुई है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर पुलिस में भर्तियां हुई। शिक्षकों की भर्ती भी रिकॉर्ड संख्या में हुई है। राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान दो दर्जन से अधिक विधेयक सदन के पटल पर रखे, जिसमें यूपी पेंशन के लिए अहरकारी सेवा और विधिमंयकरण अध्यादेश, यूपी चलचित्र विनिमय संशोधन अध्यादेश, यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, यूपी गन्ना पूर्ति तथा खरीद विनिमयन द्वितीय संशोधन अध्यादेश, राज्य आयुष विश्विद्यालय संशोधन अध्यादेश, यूपी नगरीय परिसर किरायेदारी विनीयमन अध्यादेश और यूपी औद्योगिक विवाद संशोधन विधेयक प्रमुख रूप से शामिल हैं।विपक्ष के वॉकआउट तथा नारेबाजी के बीच में भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपना अभिभाषण पूरा किया और विधान भवन से प्रस्थान कर गईं। विधान मंडल सत्र में अभिभाषण देने के बाद वापसी के समय उनको बाहर तक छोड़ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित भी आए।उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र में जैसे ही राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों सदनों को संबोधित करना शुरू किया विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने हंगामा किया और किसानों के मुद्दे पर विधानसभा से वॉकआउट भी कर दिया। समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के नेताओं ने सदन में कार्यवाही शुरू होने से पहले भी किसानों के मुद्दों के साथ पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर विधानसभा के गेट पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। आज सदन में बहुजन समाज पार्टी के सात बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और अपने बैठने के स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त की। बसपा के नौ विधायकों ने अलग बैठने की मांग की है। बसपा के पास अब सिर्फ छह विधायक बचे हैं। राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने वाले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है। यहां पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है। प्रदेश में तो में जंगलराज है। उन्नाव की घटना पर सरकार मौन क्यों है। प्रेस को बैन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तो अभिभाषण नहीं पढऩा चाहती थीं। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने उनको मनाया है। समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजेंद्र चौधरी ने कहा कि हम लोग राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करते हैं। हम यहां पर सरकार का भाषण सुनने नहीं आए हैं। राज्यपाल तो सरकार का भाषण सुना रहीं हैं। कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि उन्नाव की घटना पर सरकार मौन है। वहां पर दो युवतियों की मौत पर पुलिस लीपापोती कर रही। हम लोग राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करते हैं।
इससे पहले आज विधान भवन प्रांगण में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के नेताओं ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया।