स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू
शाहजहांपुर। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय द्वारा आयोजित तीन दिवसीव “स्थानीय उत्पादों के लिए विपणन प्रयास- स्वावलंबी भारत की ओर एक कदम” शीर्षक पर तीन राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ मुमुक्षु शिक्षा संकुल के प्रबंध समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने स्वामी शुकदेवानंद जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व पुष्पांजलि अर्पित कर किया। बीकॉम फाइनेंस की छात्रा गुनगुन सिंह, उत्प्रेक्षा सक्सेना, निधि गौतम, नेहा वर्मा ने सभी मंचासीन अतिथियों का चंदन तिलक लगाकर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि हमने गांव के साथ अन्याय कर विदेशी उत्पाद को ज्यादा महत्व दिया है जिस कारण आज हमारा देश स्वदेशी जागरण को लेकर प्रयास कर रहा है। और यह देश के प्रधानमंत्री की कुशलता है कि आज अमेरिका जैसा देश भारत को सोने की चिड़िया बनते हुए देख रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के प्रबंध संकाय के डीन प्रोफेसर पी.वी सिंह ने कहा कि भारत आजाद हुआ लेकिन हमारे लोकल उत्पाद गुणवत्तापूर्ण नहीं थे जो विश्व पर निर्यात कर आर्थिक लाभ सर्जित करने और उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित कर सके, जिसको लेकर प्रधानमंत्री ने लोकल फ़ॉर वोकल मुहिम का आवाह्न किया। रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के प्रबंध संकाय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मंजुला सिंह ने कहा कि कोरोना विश्व के साथ भारत देश में आया लेकिन एक वायरस भारत की जनता को स्वयं अपने रक्त में व्यपार नाम के वायरस को जगाना है, यदि हम अपने व्यापार का डिजिटल इंडिया के माध्यम से उपयोग करते हैं तो निश्चित ही भारत आर्थिक उन्नति कर सकता है।

बरेली कॉलेज बरेली के वाणिज्य संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पंकज यादव ने कहा कि देश के हर जनपद में लघु उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए, उन्होंने जनपद शाहजहांपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय था कि जब यहां का कालीन उद्योग पूरे देश में प्रसिद्ध था आज आवश्यकता है तो यहां के उद्योग को मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की, राजकीय महाविद्यालय पीलीभीत संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नरेंद्र कुमार बत्रा ने कहा कि कोई भी सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती नौकरी देना हर नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए आज का युवा सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापार कर सकता है और सामान्य व्यापार की अपेक्षा अधिक लाभ कमा सकता है। महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव डॉ ए के मिश्रा ने कहा एक समय था कि जब देश में आयात ज्यादा था और निर्यात कम था देश के प्रधानमंत्री ने लोकल फॉर ग्लोबल का जो मंत्र दिया जो स्वदेशी आंदोलन का नवीन रूपांतरण रूप है और आर्थिक नीतियों की सुदृढ़ता से हमारा स्वदेशी व्यापार वैश्विक उन्नति करेगा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर.के. आजाद ने कहा 1905 में स्वदेशी आंदोलन की आवश्यकता आज महसूस हो रही है


जिसे लेकर नई शिक्षा नीति में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अहम बदलाव किए गए हैं, उप प्राचार्य वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा की अब हमारी शिक्षा नौकरी पाने के लिए नहीं नौकरी देने के लिए आगे बढ़ रही है, यह छात्रों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे नौकरी देने के लिए स्वदेशी उधमिता को आगे बढ़ाएं, अपनी कुशलता को सोशल मीडिया व डिजिटल तकनीक के माध्यम से रोजगार सृजित करें। इस दौरान अतिथि प्रो राज लक्ष्मी की लिखित पुस्तक व वाणिज्य संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर के के वर्मा द्वारा लिखित “वित्तीय प्रबंधन” पुस्तक का विमोचन किया गया। वाणिज्य संकाय से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जगदीश कुमार का राजकीय महाविद्यालय में चयन होने पर विदाई दी गई। सभी अतिथियों का प्रबंधन संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अंकित अवस्थी व वाणिज्य संकाय के शिक्षक डॉ के के वर्मा, डॉ अजय वर्मा डॉ सचिन खन्ना ने स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया कार्यक्रम का संचालन मित्र बृजलाल ने किया सभी के प्रति आभार डॉ देवेंद्र सिंह ने ज्ञापित किया इस अवसर पर वाणिज्य संकाय के शिक्षक श्री प्रकाश वर्मा, अपर्णा त्रिपाठी, प्रतिक्षा मिश्रा, डॉ रूपक श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।






















































































