ककोड़ा मेले के उद्घाटन को लेकर संत समाज टकराव के मूड में बदायूं के किसी नेता से उद्घाटन नहीं कराने की मांग उठाई

मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री से उद्घाटन कराने की मांग ने जोर पकड़ा
सीएम या डिप्टी सीएम नहीं आए तो संत समाज खुद करेगा उद्घाटन
काकोडा मेले में अव्यवस्थाओं से जूझ से श्रद्धालु,मेला धीरे धीरे चढ़ रहा परवान
हर और धूल के गुब्बार,पानी,शौचालय,स्नान गृह का अभी से संकट
महंगाई की मार से श्रद्धालु और साधु संत परेशान
बदायूं ।रुहेलखंड के सुप्रसिद्ध मेला ककोड़ा में तंबुओं का शहर तेजी से बसने लगा है। श्रद्धालु हर-हर गंगे, निर्मल गंगे के जयघोष के साथ स्नान करने में जुटे हैं। मेले में पूर्वी और पश्चिमी घाट बनाए गए हैं। मुख्य मार्गों के ठीक सामने वाले घाट पर मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खतरे की प्लेट लगाई है। श्रद्धालु स्नान करने न जाएं इसके लिए मिट्टी भी डाल दी गई है। क्योंकि गंगा का भाव बहुत तेज है। श्रद्धालुओं का मुख्य घाट पर स्नान करना संभव नहीं है। इसलिए मेले के पूर्वी और पश्चिमी तरफ घाट बनें हैं वहीं पर प्रदेश के अलावा अन्य प्रांतों के श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। श्रद्धालु अपने निजी वाहन ट्रैक्टर ट्राली कार बैलगाड़ी मोटरसाइकिल से मेले में पहुंच रहे हैं। धूल के गुब्बार उड़ रहे हे। मेले की स्वच्छता के लिए मुख्य मार्ग के बीचोबीच बनने वाले शौचालय भी नहीं बने हैं डस्टबिन की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। मेले में खोए पाए बच्चों और बुजुर्गों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए स्काउट कैंप के बच्चे मोहम्मद असरार के नेतृत्व में मेले में पहुंच चुके हैं। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की टीम मेले में पहुंच चुकी है। जो कि आने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता का बोध कराएगी।

हार्टफुलनेस का कैंप मेले में पहुंच गया है। श्रद्धालुओं को हार्ट से संबंधित विशेष जानकारियां दी जाएंगी। हम हर परिस्थिति में कैसे खुश रहें, इस कैंप में बताया जाएगा। मेला ककोड़ा समाज सेवा समिति के ओर से विशाल भंडारा गंगा तट पर शुरू हो गया है। श्रद्धालु विशाल भंडारे का आनंद ले रहे हैं। देवराह बाबा समिति के सभी साधु संत मेले में डेरा जमाए हुए हैं। मेले में बड़े झूले बनकर तैयार हो चुके हैं। मौत का कुआं, चांद सितारा, नाव, ड्रैगन आदि झूले भी तैयार किए जा चुके हैं। इसके अलावा बच्चे मेले में ट्रेन का भी आनंद ले सकेंगे। प्रदर्शनी के प्रांगण में स्वास्थ्य प्रदर्शनी लग चुकी है। शिक्षा विभाग, कृषि विभाग के अलावा अन्य प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। मुख्य मार्ग पर कला मंच बनाया जा रहा है जहां पर कठपुतली, भजन, नृत्य व अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तुत होंगे। मेले के पूर्वी तरफ खैराती चौक तक दुकाने लग चुकी है और बरेली के श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं अपने टैंटों को व्यवस्थित कर रहे हैं जलेबी, खजला, पेठे की दुकानें भी लग चुकी है। श्रद्धालुओं को दुकानों पर आवश्यकता की हर चीज उपलब्ध हो रही है। बच्चों के लिए मीना बाजार में खेल खिलौना और खरीदारी के लिए भी दुकानें लग चुकी है मेले में बना अस्थाई अस्पताल में मरीजों को दवाइयां दी जा रही है।

गंभीर मरीजों के लिए बेड भी तैयार कर दिए गए हैं। विशेष रूप से गंभीर श्रद्धालुओं के लिए मेले में एंबुलेंस लगाई गई हैं। जोकि मेले में मुख्य स्थानों पर तैनात की गई है। मेले में शाम को बिजली के रंग बिरंगी रोशनी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और मधुर आवाज में गंगा मैया में जब तक पानी रहे, सजना तेरी जिंदगानी रहे गीत की धुन लोगों के मन भा रही हैं मेला प्रशासन की ओर से गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए वेरी कटिंग की गई है और उन पर लाल रंग की झंडिया भी लगाई गई है जिनके द्वारा श्रद्धालुओं को संकेत दिया गया है कि वह झंडियों को पार करके गंगा में स्नान न करें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गोताखोरों को लगाया गया है।

मोटर बोट भी मौजूद है पीएसी बरेली की विशेष बटालियन गंगा तट पर तैनात की गई है। जवानों द्वारा श्रद्धालुओं को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। नाव द्वारा गंगा में गश्त लगाई जा रही है। गंगा किनारे ठहरे महंत नन्हे दास ने कहा कि मेले का उद्घाटन जिले के नेता नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री के द्वारा मेले का उद्घाटन होना चाहिए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के न आने पर उपमुख्यमंत्री इस मेले का उद्घाटन करें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संत समाज के साथ वह मेले का उद्घाटन करेंगे।
