16 फरवरी को होगा महाराजा सुहेलदेव जयन्ती समारोह

बदायूँ। 16 फरवरी वसंत पंचमी को महाराजा सुहेलदेव जयन्ती समारोह प्रदेश भर में मनाया जाएगी। भारत वर्ष के इतिहास में मध्यकाल की ग्यारहवीं शती में उत्तर प्रदेश के बहराइच में महाराजा सुहेलदेव एक प्रतापी राजा हुए थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं से भारतीय संस्कृति एवं विरासत की रक्षा की थी। महाराजा सुहेलदेव का शौर्य एवं पराक्रम वर्तमान पीढ़ी के लिए एक गौरवशाली उदाहरण है। उन्होंने देश की राजनीतिक व सांस्कृतिक सुरक्षा के साथ-साथ जल संरक्षण, गो-संरक्षण एवं जन कल्याण के अनेक कार्य कराए, जिससे आमजन को अत्यन्त लाभ हुआ।
शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेन्द्र बहादुर सिंह सहित अन्य सम्बंधित अधिकारियों के साथ विकास भवन स्थित कार्यालय में बैठक आयोजित कर निर्देश दिए हैं कि जनपद में महाराजा सुहेलदेव जयन्ती समारोह हेतु शहीद स्थलों एवं शहीद स्मारकों पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाये। कार्यक्रम के आयोजन हेतु हाफिज सिद्दीक इस्लामिया इंटर काॅलेज में गरिमापूर्ण सजावट कराते हुए प्रातः 9.30 बजे तक एनएसएस, एनसीसी, सिविल डिफेन्स, स्काउट गाइड, समाजसेवी, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के वालेण्टियर्स, गणमान्य नागरिकों को एकत्रित होने हेतु आमंत्रित किया जाये। कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित व्यक्तियों हेतु पानी तथा जलपान का प्रबन्ध किया जाये तथा कोविड-19 के अनुपालन हेतु जारी शासनादेशों के अनुपालन हेतु मास्क एवं सेनिटाइजर की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में की जाये। पुलिस परेड ग्राउंड स्थित शहीद स्थल पर सायं 5.30 से 6.00 बजे तक पुलिस बैण्ड द्वारा राष्ट्रधुन तथा राष्ट्रभक्ति गीतों पर बैण्ड वादन किया जाये। इन स्थलों पर सायं 6.30 बजे से दीप प्रज्ज्वलन का कार्यक्रम किया जाये तथा विद्युत झालरों एवं रंगीन प्रकाश से शहीद स्मारकों को प्रकाशमान किया जाये। जनप्रतिनिधियों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानीगण, शहीदों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारजन को इस अवसर पर प्रातः 10.00 बजे उपस्थित रहने हेतु आमंत्रित किया जाए। पूर्वान्ह 11.00 बजे प्रधानमंत्री महाराजा सुहेलदेव स्मारक के शिलान्यास कार्यक्रम हेतु एन0आई0सी0 वेबलिंक के माध्यम से चित्तौरा बहराइच स्थित कार्यक्रम स्थल से जुड़ेंगे। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत महाराजा सुहेलदेव जी के शौर्य एवं बलिदान पर आधारित गौरव गीत के गायन एवं वृत्तचित्र प्रदर्शन के साथ ही मुख्यमंत्री का उद्बोधन एवं प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल माध्यम से आशीर्वचन दिया जायेगा। समस्त जनपदों के शहीद स्थलों, शहीद स्मारकों एवं शैक्षणिक संस्थानों पर इसके सजीव प्रसारण की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिए सूचना विभाग द्वारा समुचित तैयारियां की जाये। सभी जनपदों के महत्वपूर्ण शहीद स्मारकों व शहीद स्थलों पर स्वाधीनता संग्राम की घटनाओं तथा जनपद के सम्बंधित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व शहीदों पर आधारित गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन आदि कराये जायें। कवि सम्मेलनों में स्थानीय कवियों को प्राथमिकता पर अवश्य आमंत्रित किया जाये। महाराजा सुहेलदेव के शौर्य एवं बलिदान पर आधारित अनेक घटनाएं जनश्रुतियों, लोकगीतों तथा वाचिक परम्परा में विद्यमान हैं, जिन पर विशिष्ट शोध कार्य की आवश्यकता है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इच्छुक अन्वेषक शोधार्थियों को चयनित कर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत शोध पीठ स्थापित कर शोध कार्य कराये जायें तथा वाचिक परम्परा के माध्यम से प्रचलित घटनाओं को लेखनीबद्ध किया जाये। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा सभी शहीद स्थलों व स्मारकों पर महाराजा सुहेलदेव जी के शौर्य एवं बलिदान, भारत के गौरवशाली इतिहास की महान विभूतियों, स्वतंत्रता संग्राम के नायकों, प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास तथा स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी हेतु विशेष प्रयास किये जायें। सरकारी विभागों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी प्रकाशकों के माध्यम से भी पुस्तक प्रदर्शनी एवं बिक्री के कार्य किये जायें। शिक्षा विभाग द्वारा जनपद स्तर पर विद्यार्थियों के मध्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी महाराजा सुहेलदेव के शौर्य एवं बलिदान पर आधारित विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजन किये जायें। उ0प्र0 राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ द्वारा महाराजा सुहेलदेव के शौर्य, बलिदान एवं जीवन संघर्षों पर आधारित प्रदर्शन का आयोजन कर मुख्य कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाये। सूचना एवं संस्कृति विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना बनाकर महाराजा सुहेलदेव जी के शौर्य, बलिदान एवं अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित पुस्तकों व अभिलेखों का डिजिटल संस्करण तैयार कराया जाये। सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए कार्यक्रम को पूर्ण सफल बनाएं।