उत्तराखंड में आज और कल होगी बारिश-बर्फबारी की जताई संभावना

नई दिल्ली। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली एवं पिथौरागढ़ जनपदों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर उत्तराखंड के इन इलाकों में बारिश और बर्फबारी होती है तो रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाने में बेहद परेशानी आएगी. चमोली जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से आई आपदा के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF, SDRF, ITBP, सेना, नेवी, वायु सेना समेत तमाम एजेंसियां जुटी हैं.
मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, मध्य और ऊपरी क्षोभ मण्डल में एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जिसकी धुरी 5.8 किमी समुद्र तल से उपर करीब 31 ° N के उत्तर में देशांतर 55 ° E के साथ आगे बढ़ रहा है. इसका प्रभाव जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी देखा जाएगा.
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख व हिमाचल में भी होगी बारिश और बर्फबारी
भारत के मौसम विभाग केंद्र के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के चलते जम्मू और कश्मीर (J&K), लद्दाख , गिलगित (Gilgit) बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में इसका असर देखा जा सकेगा. यानी 8 फरवरी और 9 फरवरी को अलग-अलग इलाकों में इसका असर होगा. आज और कल इन क्षेत्रों में वर्षा (Rainfall) और बर्फबारी होने का अनुमान है. इसके अलावा मौसम विभाग ने यह भी संभावना जताई है कि कल 9 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है.
दो दिन सुबह के वक्त रहेगी कोहरे की घनी चादर
मौसम विभाग ने यह भी संभावना जताई है कि कोहरे की चादर भी घने कोहरे में तब्दील हो सकती है. 9 और 10 फरवरी को पंजाब , हरियाणा , चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रह सकता है.
उत्तर पश्चिमी भारत में 4-5 दिनों के भीतर बढ़ेगा न्यूनतम तापमान
उत्तर पश्चिमी भारत में अगले चार-पांच दिनों के भीतर न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. इसकी वजह से उत्तर पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में शीत लहर चलने की स्थिति नहीं बनेगी.
यहां बनी रहेगी शीतलहर की स्थिति!
मौसम विभाग ने यह संभावना भी जताई है कि दक्षिण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के अलग-अलग क्षेत्रों में 8 फरवरी को शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी और इसके बाद भी यहां इन क्षेत्रों में शीतलहर की फिलहाल स्थिति बनी रहेगी. वहीं 24 घंटे के भीतर न्यूनतम तापमान और उसके बढ़ने और उसकी प्रवृत्ति में बदलाव की स्थिति उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में देखने को मिल सकती है.