यू.पी. जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन (उपजा ) हमेशा रही पत्रकार हितेषी = पत्रकारों के कल्याण के लिए कराए कई कार्य

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बरेली। यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन का नाम आज पत्रकार जगत में जहां आदर से लिया जाता है क्योंकि इससे अपने स्थापना काल 1966 से ही पत्रकारों के कल्याण का जो बीड़ा उठाया था। वह गति अध्यक्ष दर अध्यक्ष बदलते हुए भी निरन्तर प्रगति पथ पर कायम है। उपजा का कार्यालय 28-बी दारूलशफा लखनऊ में रहा है।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकारों सर्व श्री कपिल वर्मा (हिंदुस्तान टाइम्स), एस. के. राव (पायनियर), एस.पी. निगम (नेशनल हेराल्ड) आदि ने पत्रकारों की समस्याओं के निदान के लिए वरिष्ठ पत्रकार भगवत सरन के केसरबाग लखनऊ स्थित निवास पर बैठक कर यू. पी. जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन (उपजा) का गठन किया। जिसका उस समय का कार्यालय फ्लैट नम्बर 12 न्यू मार्केट केसर बाग, लखनऊ रखा गया था। इसका 16 मार्च 1966 को उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग, कानपुर में ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नंबर 2946 मिला। उपजा प्रारंभ काल से ही सभी का साथ व पारदर्शिता पर जोर देती रही। जिसका आज तक तो पालन हो रहा था। वर्ष 2018 के बाद आजकल उपजा के भी अब कई स्वंभू गुट बन गए हैं। जो संस्था के पतन का कारण भी बन रहा है
आगरा में यू. पी. जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) का पहला अधिवेशन 19-20 नवम्बर 1966 को हुआ। जिसमें एस. के. राव पायनियर अध्यक्ष व भगवत सरन ‘दैनिक जागरण’ महामंत्री बने। उपजा ने अपनी कार्यशैली से शीघ्र ही पत्रकार जगत में पहचान बनायी। तथा लखनऊ के साथ ही प्रदेश के बनारस, इलाहाबाद, कानपुर, आगरा, मेरठ, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर, देहरादून, हल्द्वानी सहित प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में इसकी शाखायें क्रमश बढ़ती चली गयी। इसी के बाद उपजा ने अपना दूसरा अधिवेशन 1969 में बनारस में किया। उपजा के गठन के बाद ही लखनऊ में 1972 में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया (एन. यू. जे. आई) का गठन हुआ जिसके मीनाक्षी सुन्दरम् अध्यक्ष व एस. के. राव महामंत्री बने।
उपजा के गठन के बाद उसने पीछे नहीं देखा और अपनी प्रगति के पथ पर चलते हुए इसके सम्मेलन जिलों में भी होते रहे। आपातकाल के दौरान (उपजा) का 10 वां अधिवेशन 4-5 सितम्बर 1976 को बरेली के काष्ठकला परिसर में हुआ जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायन दत्त तिवारी ने किया। इसके बाद बरेली में 20 वां अधिवेशन 25-26 जून 1988 को आई. वी. आर. आई. सभागार में हुआ जिसमें तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरबहादुर सिंह को बरेली आना था पर मौसम खराबी के चलते उनका हवाई जहाज बरेली से लखनऊ वापस लौट गया। इसके बाद बरेली में 26 वां अधिवेशन संजय कम्युनिटी हाल में हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह व केन्द्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उपजा का 30 वां अधिवेशन 26-27 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद में हुआ जिसमें रतन दीक्षित अध्यक्ष व रमेश जैन महामंत्री चुने गये। इसके बाद 6 सितम्बर 2014 में बरेली में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन भी हुआ। उपजा का 13 वां अधिवेशन 25-26 फरवरी 1978 गोरखपुर, 14 वां अधिवेशन 22-23 मार्च 1979 में मेरठ, 15वां लखीमपुर में 2-3 नवंबर 1980, 16वां बनारस में 6-7 जून 1982, 17वां बांदा में 25-26 अप्रैल 1983, 18 वां अधिवेशन 6-7 जून 1986 को लखनऊ में, 20वां सम्मेलन 25-26 जून 1988 को आई. वी. आर. आई. बरेली में हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को आना था पर वह किन्हीं कारणों से नहीं आ सके। 21 वां अधिवेशन 26-27 अगस्त 1990 बारावंकी में, 22 वां अधिवेशन 21-22 नवम्बर 1992 बिजनौर में, 23 वां अधिवेशन शाहजहांपुर में 1996 में, 24वां सम्मेलन 9-10 जनवरी 1999 एवं 26वां सम्मेलन बरेली के संजय कम्यूनिटी हाॅल में 21-22 जुलाई 2001 को हुआ। 28 वां अधिवेशन 28-29 जुलाई 2007 बनारस में, 29वां शाहजहाँपुर में 4-5 नवंबर 2012, 30वां 26-27 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद में हुआ इसका अगला सम्मेलन चंदौली में 2015 में हुआ जहां रमेश चन्द्र जैन पुनः महामंत्री बने तथा दीपक अग्निहोत्री को अध्यक्ष बनाया गया। ‘उपजा’ व एन. यू. जे. आई ने जहां पालेकर, बछावत, मणिसाना, मजीठिया, वेजबोर्ड के लिए व्यापक संघर्ष किया। साथ ही पत्रकार कल्याण के लिए भी जागरूकता बढ़ाई। मई दिवस, प्रेस दिवस के अलावा जिलों में पत्रकार कालोनी निर्माण के लिए भी उपजा निरंतर संघर्षरत रहीं जिसके चलते बरेली में सर्वप्रथम प्रेस कालोनी व उपजा प्रेस क्लब की भी स्थापना हुई। उपजा के अध्यक्ष के रूप में जहां एस. के. राव, एच. के. गौड़, सतेन्द्र शुक्ला, पी.के. राय, अच्युतानन्द मिश्रा, आर. एन. राय, योगेश वाजपेई, आर. के. अवस्थी, राजेन्द द्विवेदी, जे. पी. शुक्ला, राधारमण चित्रांशी, बच्चन सिंह, वीरेन्द्र सिंह, पी. वी. वर्मा, वीर विक्रम बहादुर मिश्र, रतन दीक्षित, डा. वी. सी. श्रीवास्तव, रमेश जैन, हेमंत क्रमशः अध्यक्ष/महामंत्री बनते रहे। वहीं महामंत्री के तौर पर भगवत शरण, गुरूदेव नारायण, जे. पी. शुक्ला, वीरेन्द्र सक्सेना, सुभाष दुबे, सर्वेश सिंह, रमेश जैन आदि महामंत्री बने।
उपजा के बढ़ते कदम यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने 16 मार्च 2016 में 50 वर्ष पूर्ण कर स्वर्ण जयंती वर्ष में अपने को ला खड़ा किया था। उपजा सदस्यों में संगठन के स्वर्ण जयंती वर्ष को लेकर अभूतपूर्व उत्साह रहा। वर्ष 2016 को साल भर जश्न के रूप में कुछ जिलों में मनाया भी गया था।
लखनऊ के केसर बाग फ्लैट्स स्थित श्री भगवत सरन के निवास पर पत्रकारों की बैठक कर उपजा का गठन किया गया। और इसके बाद उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग में 16 मार्च 1966 को उपजा का पंजीकरण होकर इसको 2946 का नंबर ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत प्रदान किया गया। उस समय ‘उपजा’ के प्रथम अध्यक्ष का दायित्व एस. के. राव एवं महामंत्री का दायित्व भगवन सरन को सौंपा गया। यह सुखद बात है कि उपजा के स्वर्ण जयंती के वर्ष में इसके महामंत्री बने श्री भगवत सरन हमारे बीच थे। उपजा के संस्थापक सदस्य मधुकर त्रिवेदी को 21 मार्च 2016 को उ. प्र. सरकार ने ‘यश भारती’ पुरस्कार से नवाजा। जिसमें उन्हें 11 लाख रूपये, प्रशस्ति पत्र के अलावा 50 हजार मासिक पेंशन भी दी जायेगी। यह उपजा के लिए गौरव की बात है कि इसके संस्थापक सदस्य स्वर्गीय कपिल वर्मा राज्य सभा के सांसद रहें। नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (इंडिया) से जुड़े श्री बलवीर पुंज भी राज्यसभा के सदस्य रहे। उपजा के शुभचिंतक रहे लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ भी राज्य सभा के सदस्य रहे।
उपजा का प्रारंभिक कार्यकाल जहां एतिहासिक रहा इससे जुड़े पत्रकारों का लखनऊ से लेकर जिलों तक बोलवाला रहा प्रदेश में पत्रकारों के संघर्ष एवं समस्याओं के निराकरण में उपजा हमेश अग्रणी भूमिका में रही। उपजा के संस्थापक सदस्यों में सर्वश्री भगवत शरण, कपिल वर्मा, एस.के. राव, एस. पी. गौड़, मधुकर त्रिवेदी, सत्येन्द्र शुक्ला, सत्य प्रकाश निगम (लखनऊ) रामेश्वर गुप्ता (बांदा), जे. बी. सुमन, राकेश कोहरवाल, ज्ञान सागर वर्मा, रामदयाल, सुरेश शर्मा (बरेली) विद्या भास्कर, बच्चन सिंह (बनारस) आदि पत्रकारों की उपजा के गठन में भागीदारी रही और उन्होंने पत्रकारों को एकजुट करने में महती भूमिका निभायी। बाद में ‘उपजा’ संगठन से सर्वश्री आर. के. सेठ, हीरालाल अग्रवाल, आर. के. अवस्थी, पी. के. राव, अच्युतानंद मिश्रा, वीरेन्द्र सिंह, अजय कुमार, राजेन्द्र त्रिवेदी, सुभाष दबे, अखिलेश मिश्रा, कृष्ण मोहन मिश्रा (लखनऊ), राम गोपाल गुप्ता, मो. इरफान, राकेश श्रीवास्तव सरदार शर्मा (शाहजहांपुर), मुंशी प्रेम नारायण सक्सेना, ज्ञान सागर वर्मा, जे.बी. सुमन, ज्ञानसागर वर्मा, बलवंत राय मिगलानी, ब्रजपाल बिसारिया, राम दयाल भार्गव, नरेश बहादुर, सुरेश शर्मा, रामगोपाल शर्मा, निर्भय सक्सेना, शंकर दास, अनुपम मार्कण्डेय, संजीव कुमार शर्मा गंभीर (बरेली), मोती लाल (पीलीभीत), कार्तिक कुमार निर्मल (गाजीपुर) शिव कुमार दुबे, श्रीधर द्विवेदी, रतन दीक्षित (इलाहाबाद) रामकृष्ण जायसवाल (सुल्तानपुर), साधु राम शुक्ला (लखीमपुर खीरी), विश्वामित्र शर्मा, जय नारायण अरूण (बिजनौर), पी. बी. वर्मा, गोपाल जी (गोरखपुर), त्रियुग नारायण तिवारी, कृपा शंकर पांडे, ज्ञान प्रकाश टेकवानी उर्फ सरल ज्ञापटे (फैजाबाद) अनिल गुप्ता, सिकरवार जी, अशोक अग्निहोत्री, विवेक जैन (आगरा) शिव ओमकार पचैली (मैनपुरी), एस. के. निगम, बागी जी, अनिल अग्रवाल, प्रदीप सिंह, राम दयाल (बनारस), लक्ष्मी कांत पांडे, कपिल अवस्थी, राधेश्याम कर्ण (रायबरेली) राधेश्याम दात्रे (कोंच) अयोध्या प्रसाद कुमुद, राकेश श्रीवास्तव, डी. के. सिन्हा ( बहराइच) जगराम शर्मा (झांसी) श्रीनाथ सहाय (आजमगढ़), दीपक अग्निहोत्री (उरई) आदि पत्रकार शामिल रहें। उपजा अपने केन्द्रिय संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस इंडिया (एन.यू.जे.आई) के साथ समय-समय पर संगोष्ठियां, प्रेस से मिलिए कार्यक्रम, श्रम दिवस (1 मई) राष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवंबर) के अलावा अपने अब तक लगभग 30 प्रदेश स्तरीय सम्मेलन भी विभिन्न जिलों में किये। उपजा के उपजा इन सम्मेलनों में प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से लेकर केन्द्र के मंत्रियों तक ने शामिल होकर उपजा संगठन का गौरव बढ़ाया। इलाहाबाद में 26-27 अक्टूबर 2013 में उपजा के 30वें प्रांतीय सम्मेलन में मुख्यालय के एकाधिकार को तोड़ते हुए बड़ौत के श्री रमेश चन्द्र जैन ने महामंत्री का कार्यभार संभाला। श्री रमेश चन्द्र जैन ने अपनी कार्यक्षमता और गतिशीलता बरकरार रखते हुए उपजा के कर्मठ साथियों की टीम को लेकर मुख्यालय लखनऊ जिलों तक में पत्रकारों के इतने कार्यक्रम करा दिये जितने पिछले 2 दशक में नहीं हुए थे। श्री रमेश जैन ने अपने महामंत्री के तहत जिला स्तर के पत्रकार ईकाइयों को ‘उपजा के’ परिवार के रूप में बदल दिया और इसी कारण चंदौली में हुए प्रांतीय सम्मेलन में रमेश जैन को महामंत्री पुनः विजयश्री मिली। पत्रकार वेजबोर्ड की मांग हो या वेतन आयोग की अनुशंसा लागू कराने का मुद्दा पत्रकारों को पेंशन देने, प्रेस मान्यता से लेकर चिकित्सा कार्ड बनाने के मुद्दे उपजा ने जोरदार ढंग से उठाये और समय-समय पर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी सौंपे। उपजा के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चंद श्रीवास्तव/हेमंत कृष्ण, अरूण जायसवाल, निर्भय सक्सेना, जनार्दन आचार्य, दिनेश पवन, महेश पटेल,मुकेश गोयल, अरविंद शुक्ला, अशोक नवरत्न, द्विजेन्द्र मोहन शर्मा, राधेश्याम, जयंत कुमार मिश्रा, हेमंत कृष्ण, सुनील वशिष्ट, नृपेन्द्र श्रीवास्तव, दिलीप कुमार गुप्ता, विशन पाल सिंह, पवन नवरत्न, अनिल भारद्वाज, हनुमान प्रसाद, जगपाल सिंह, बाल मुकुंद, राजपाल सिंह, नवेन्द्रु प्रकाश सिंह, राकेश कुमार, संजय कुमार, अनिल माहेश्वरी आदि साथियों को साथ में लेकर ‘उपजा परिवार’ को और मजबूती प्रदान की। उपजा के कर्मठ पत्रकार रमेश चन्द जैन, अरूण जायसवाल, निर्भय सक्सेना आदि के नेतृत्व में उपजा से जुड़े पत्रकारों ने सरकार के समक्ष किये गये ज्ञापन पर पुनः स्मरण पत्र भी भेजें। खेद के साथ कहना पड़ रहा है सरकार अब भी राष्ट्रवादी पत्रकारों के साथ पेंशन, सामाजिक समस्या एवं अन्य मुद्दों पर मौन धारण किये हुए है जिसको लेकर 7 दिसंबर 2015 एवं 10 अक्टूबर 2019 को दिल्ली के जंतर मंतर पर देश व्यापी पत्रकारों के साथ प्रदर्शन एवं धरना भी कर चुके हैं। इसके बावजूद आज भी कई पत्रकारों की हत्यायें हो चुकी हैं। कहने को तो प्रेस को ‘लोकतंत्र का चौथा स्तंभ’ कहा जाता है पर उसकी स्थिति ‘नाखून व दंतविहीन’ बनी हुई है और उसे कोई भी कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं है। यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट इंडिया सरकार को ज्ञापन देकर देश में मीडिया कौंसिल बनाने, पत्रकारों को पेंशन देने एवं पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा देने की निरंतर मांग करता रहा है।
निर्भय सक्सेना पत्रकार बरेली – मोबाइल 9411005249/ 807710362

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