बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव बैरमई बुजुर्ग में चल रही साप्ताहिक श्रीमदभागवत कथा का समापन आज बुधवार को हो गया। कथा के समापन के बाद हवन-यज्ञ और भंडारा हुआ। इसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने जयकारे भी लगाए। हवन के दौरान कथावाचक जयपाल शास्त्री ने कहा कि आत्मा को जन्म एवं मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। इसे सफल बनाने में गांव लाल बाबा, गौरी, रामचंद्र, श्याम बहादुर शाक्य, जगदीश चंद्र, चंद्रपाल सिंह, देशराज सिंह, यादराम, जीरसिंह, गंगासिंह, किशोरी लाल शाक्य आदि का विशेष सहयोग रहा।