व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई की

दिल्ली: इंस्टेंट मैसेजिंग एप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मचे बवाल के बीच दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर सुनवाई करते हुए कहा कि फोन में व्हाट्सएप डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं है, ये स्वैच्छिक है। आपकी मर्जी है कि आप इसे डाउनलोड करें या न करें। इस बीच केंद्र ने एचसी को बताया कि व्हाट्सएप की यूरोप में प्राइवेसी पॉलिसी अलग है और भारत में अलग, यह चिंता का विषय है।
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में व्हाट्सएप ने यूजर्स के पास नोटिफिकेशन भेज कर अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने को कहा था। बवाल मचने के बाद फिलहाल के लिए व्हाट्सएप ने इस बदलाव को टाल दिया है। लेकिन कंपनी की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है। ऐसे में यह आपकी मर्जी है कि आप व्हाट्सएप को अपने फोन में इंस्टॉल करें या न करें।
व्हाट्सएप का बड़ा बयान, जानें क्या कहा
व्हाट्सएप अपने नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। मोदी सरकार ने मंगलवार को व्हाट्सएप से नई प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लेने को कहा था। अब फेसबुक के मालिकाना हक वाले इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप ने कहा है कि कंपनी ‘भ्रामक जानकारी को दूर करने पर काम कर रही है’ और हर तरह के सवालों का जवाब देने को तैयार है। व्हाट्सएपके प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि कंपनी यह भरोसा दिलाना चाहती है कि इस अपडेट के जरिए हम फेसबुक के साथ डेटा शेयर नहीं कर सकते।
हमारा मकसद पारदर्शिता को बरकरार रखना है
व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा मकसद पारदर्शिता को बरकरार रखना है और नए विकल्प बिजनसेज को इंगेज रखने के लिए हैं ताकि वे अपने ग्राहकों की सेवा कर सकें और आगे बढ़ सकें। व्हाट्सएप हमेशा पर्सनल मेसेजे को ऐंड-टू-ऐंड इनक्रिप्शन के साथ सुरक्षित रखेगा ताकि फेसबुक या व्हाट्सएप कोई भी उन्हें ना देख सके। हम भ्रामक जानकारी को दूर करने पर काम कर रहे हैं और किसी भी तरह के सवालों के जवाब देने के लिए उपलब्ध हैं।”