बिल्सी का भागवत कथा का सातवां दिन बिल्सी। नगर के बादशाहपुर रोड पर प्रकाश पाली के मैदान पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के सातवें दिन देवरा से आएं कथावाचक पप्पू शास्त्री ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन लीला और इससे भगवान इंद्र का अभिमान कैसे टूटा इसके बारे में बताया। उन्होंने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन लीला और इससे भगवान इंद्र का अभिमान कैसे टूटा इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ब्रज में जब लोग भगवन इंद्र की पूजा कर रहे थे, तब कृष्ण ने अपने माता पिता से पूछा की इंद्र की पूजा क्यों की जाती है। भगवान के इस प्रश्न पर माता-पिता ने कहा की इंद्र की पूजा करने से हमें वर्षा के जल की प्राप्ति होती है। जिससे हम अपना जीवन यापन करते हैं। तभी भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को ऐसा बिल्कुल भी नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह इंद्र का घमंड है। हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए जो हमारी गाय को चारा देती है। पर्वत की वजह से जलवायु प्रभावित हो वर्षा का कारण बनती है। कृष्ण की बात मान ब्रजवासी गोवर्धन की पूजा करने लगे, जिससे इंद्र क्रोध में आकर ब्रज में भारी वर्षा करने लगे। आंधी तूफान का कहर मचाने लगे। उसी वक्त कृष्ण ने अपने छोटी अंगुली पे गोवर्धन पर्वत को उठाया और ब्रजवासियों की मदद की। भगवान कृष्ण की इस लीला ने इंद्र का घमंड तोड़कर रख दिया। उन्होंने कहा कि कभी मानव को अहंकार नहीं रखना चाहिए। क्योंकि एक दिन जो उसे मिला है, वह उससे छिन जाना है, फिर अहंकार कैसा। कथावाचक पप्पू शास्त्री ने कई यहां अन्य प्रसंगों को भी सुनाया। इस मौके पर प्रकाश पाली, जगदीश पाल, हिमांशु कुमार, प्रेमशंकर, दीपक, वीरेंद्र कुमार, नन्हे लाल, रोहिताश आदि मौजूद रहे।