कम जगह में अच्छा मुनाफा देने वाली खेती है मशरूम: डीएम


बदायूँ।
 जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत के साथ उझानी स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत दो दिवसीय कृषि प्रशिक्षण का सोमवार को फीता काटकर शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम अन्र्तगत कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसानों को मशरूम उत्पाद एवं कृषि आय बढ़ाने से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है।
डीएम ने कहा कि जनपद के किसान काफी जागरुक हैं। वे विभिन्न प्रकार के कृषि कार्य कर रहें है इन कार्यांे को और भी बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहें हैं, जिसके द्वारा किसानों का बेहतर मार्गदर्शन हो सकेगा। किसानों के लिए मशरूम उत्पाद एक बेहतर विकल्प है। इसकी निरन्तर डिमांड बढ़ रही है। होटलों में सब्जियों के मैन्यु में मशरूम मुख्य रूप से होते हैं। लोग इसे खाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। मशरूम की खेती की सबसे खास बात यह है कि यह कम जगह में हो जाती है और अन्य फसलों के मुकाबले अच्छा मुनाफा देती है। किसान मशरूम की खेती में भी हाथ आजमाएं। इससे सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए कृषक जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। शासन की ओर से मिलने वाले अनुदान भी दिलाया जाएगा। यहां किसानों का पूरा मार्गदर्शन किया जाएगा। मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए मशरूम फेस्टीवल का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें मशरूम से बनने वाले उत्पादों का भी वहां रखा जाएगा, जहां से आम लोग भी खरीद सकते हैं। सभी लोग इसमें ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें।
सीडीओ ने मशरूम की खेती करने वाले कृषकों को बधाई देते हुए कहा कि मशरूम की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और इसकी खेती करने वाले लोग अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, इससे अन्य कृषक भी प्रेरित हों। मशरूम के प्रयोग दिल और दिमाग सम्बंधी बीमारी में कारगर तो है ही, साथ ही कैंसर जैसे खतरनाक रोग में भी यह काफी लाभकारी है। कृषक इसकी खेती करके जनपद को आगे ले जाएं। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होगा।
जिला उद्यान अधिकारी डाॅ0 सुनील कुमार ने अवगत कराया है कि जिला उद्यान विभाग द्वारा मुख्यतः 4 तरह की योजनाएं चलायी जा रही है, जिसमें दो बड़ी योजनाएं हैं। पालीहाउस तथा मशरूम उत्पादन इकाई है, जिसमें पालीहाउस पर 50 प्रतिशत अनुदान अधिकतम 29 लाख है तथा फुल्ली आटोमेटिक मशरूम इकाई जिस पर 40 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख का अनुदान है।

You may have missed