बदायूं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता फखरे अहमद शोबी ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खां के इंतकाल पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उस्ताद मुश्ताक हुसैन और उस्ताद निसार हुसैन खान के बाद उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने बदायूं का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। उनके राग रीत और सुरों ने लोगों के दिल पर एक अनोखी छाप छोड़ी। जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। शास्त्रीय संगीत में उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। बदायूं संगीत प्रेमी उनके हमेशा ऋणी रहेंगे ३ मार्च १९३१ में मोहल्ला वेदों टोला उस्ताद वारिस हुसैन खान के यहां पैदा हुए अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय गायक पदमश्री,पदमभूषण, पदमविभूषण, यश भारती संगीत नाटक एकेडमी, तानसेन अवार्ड से सम्मानित किए गए उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने आज दुनिया-ए-फानी को अलविदा कह दीया मुंबई में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके जाने से संगीत को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है जो आसानी से पूरा नहीं किया जा सकता। संगीत प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है। इनके शिष्य बेला में हरिहरन, शान,सोनू निगम ,ए.आर.रहमान,मन्ना डे,आशा भोसले आदि लोग मौजूद है। उस्ताद तालिब सुल्तानी म्यूजिक एकेडमी के द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की मगफिरत की दुआ की गई तथा उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी उस्ताद तालिब सुल्तानी म्यूजिक अकैडमी के सदस्य सरवर अली ने कहा के संगीत जगत को उस्ताद का जाना एक अपूरणीय क्षति है जिसे आसानी से पूरा नहीं किया जा सकता शास्त्रीय संगीत में बदायूं का नाम विश्व पटल तक पहुंचाने के लिए उनको हमेशा याद रखा जाएगा अब वह हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे इस मौके पर दानिश हुसैन बदायूनी, सालिम रियाज़,शाहबाज हुसैन आमिर सुल्तानी,भारत शर्मा सलीमुद्दीन एडवोकेट,दीबा हसीब, अंबर शब्बीर सिम्मी नाजिर ,समीर खान आदि लोग मौजूद रहे।