किसानों के नुकसान का आंकलन कर जल्द दिलाएं मुआवज़ा: मंत्री
बदायूं। जल शक्ति विभाग (सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग) उ0प्र0 के मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के साथ हैलीकाॅप्टर से बदायूँ अन्तर्गत बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए हैलीपैड पुलिस परेड ग्राउंड पहंुचे, जहां दातागंज विधायक, डीएम, एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों व भाजपा के पदाधिकारियों ने फूलमाला व बुके देकर उनका स्वागत किया, यहां उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर भी दिया गया। तत्पश्चात पूरा अमला कलेक्ट्रेट पहंुचा।
कलेक्ट्रट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में उन्होंने सांसद बदायूँ संघमित्रा मौर्य, दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह, शेखूपुर विधायक धर्मेन्द्र शाक्य, जिलाधिकारी दीपा रंजन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ0 ओ0पी0 सिंह व अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बाढ़ के सम्बंध बैठक आयोजित की। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में सामान्य से बहुत ज्यादा वर्षा इस वर्ष हुई है, जिसके कारण नदियों का जल स्तर बहुत तेजी के साथ बढ़ा है। उत्तराखंड में हुई भारी वर्षा व बादल फटने की वजह से बहुत ज्यादा पानी गंगा नदी में छोड़ना पड़ा है, जिस कारण जनपद बदायूँ की दो तहसीलें दातागंज एवं सहसवान बहुत ज्यादा प्रभावित हुई और बहुत सारे गांव सब तरफ से घिर गए। पानी लोगों के घर तक पहंुच गया। किसानों की फसलों का भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 26440 किसानों के नुकसान का आंकलन किया गया है, लेकिन यह आंकलन अभी समाप्त नहीं हुआ है, क्योंकि जल स्तर अब तेजी के साथ घटा है। धीरे-धीरे उसका सर्वे और आंकलन किया जा रहा है। अभी तक जो आंकलन हो पाया उसमें लगभग नौ करोड़ रुपए की क्षति का आंकलन किया गया है। किसी भी प्रकार की जिले में जन व पशु हानि नहीं हुई है, लेकिन 26440 किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसके मुख्यमंत्री जी का आदेश है, तत्काल उनको मुआवजा दिया जाए। कहीं किसी का मकान गिर गया है तो तत्काल उसके लिए मकान की व्यवस्था की जाए, अगर पशु हानि हुई है, तो उसके नुकसान की मुआवजा दिया जाए। किसी भी प्रकार की क्षति के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। मैंने हवाई संवेक्षण में देखा कि पानी तेजी के साथ घटा है। लेकिन अभी भी जगह-जगह पानी भरा हुआ है। जहां कहीं भी जल जमा है, उसको तत्काल खत्म किया जाए।
उन्होंने एडीएम एफआर संतोष कुमार वैश्य को निर्देश दिए कि बाढ़ से हुए नुकसान के आंकलन का परीक्षण कराकर सभी बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को जल्द से जल्द मुआवज़ा दिलाया जाए। कोई भी पीड़ित व्यक्ति छूटने न पाए। उन्होंने सीएमओ डाॅ0 विक्रम सिंह पुण्डीर को निर्देश दिए कि मेडीकल टीम जिनमें चिकित्सकों, आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों आदि के माध्यम से गांवों में कैम्प लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर मेडिकल किट अन्य आवश्यक दवाओं का वितरण करें। सभी प्रकार की दवाओं की उपलब्धता रहे। उन्होंने सीवीओ डाॅ0 अरुण कुमार जादौन को निर्देश दिए कि पशुओं के लिए चारा ,स्वास्थ्य परीक्षण व टीकाकरण की पर्याप्त व्यवस्था दुरुस्त रहे। मानव स्वास्थ्य के साथ पशुओं के स्वास्थ्य की भी अच्छी देखभाल की जाए। उन्होंने एसडीएम दातागंज एवं सहसवान तथा डीपीआरओ को निर्देश दिए कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए, कहीं भी जलभराव न होने पाए। सभी बाढ़ प्रभावितों की हरसंभव मदद की जाए। लोगों के लिए शुद्ध पेय जल और राहत सामग्री पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि असल दिक्कतें बाढ़ के जाने के बाद शुरू होती है, जब बाढ़ चली जाती है और अपने पीेछे बीमारियाँ छोड़ जाती है। इसलिए प्रभावित इलाकों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था कराएं। जलभराव की स्थिति सामान्य होने पर फाॅगिग व एंटी लार्वा छिड़काव अवश्य कराएं। सभी कार्याें के लिए नोडल अधिकारी बनाए जाए, इसके द्वारा कराए जा रहे कार्याें का उच्च स्तरीय अधिकारी स्वयं जाकर स्थलीय निरीक्षण करें, कहीं लापरवाही न होने पाए और फर्जी रिपोर्टिंग बिलकुल न की जाए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि बाढ़ में जो सड़कें कट गईं हैं, उनका तत्काल मम्मत कार्य कराएं, जिससे आवागमन शुरू हो सके। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ के कारण जो खंभे टूट व गिर गए हैं, उनको जल्द से जल्द दुरुस्त कराकर विद्युत आपूर्ति सुगम की जाए। उन्होंने राजकीय नलकूप अभियंताओं को निर्देश दिए कि किसानों को सिंचाई में किसी प्रकार की परेशानी न हो, सभी नलकूप सक्रिय रहें, खराब नलकूपों को ठीक कराएं, जहां नए नलकूपों की आवश्यकता है, उसके लिए प्रशासन को सूची उपलब्ध कराएं। इस अवसर पर जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।