सहसवान। उपजिलाधिकारी महीपाल सिंह ने रविवार शाम प्रमोद संस्कृत महाविद्यालय के मैदान में शुरु हो रहे रामलीला महोत्सव का फीता काटकर और पूूजा अर्चना कर शुभारंभ किया। एसडीएम ने उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र से लोगों को शिक्षा लेनी चाहिए। भगवान राम ने अपने कुल की मर्यादा को रखने के लिए अपने पिता महाराजा दशरथ के कहने मात्र से 14 वर्षो के लिए वन को चले गए। भगवान राम का जीवन चरित्र हमें यह शिक्षा देता है कि मनुष्य को किस प्रकार से अपने कर्म करते हुए जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। भगवान राम के जीवन में अनेकों कठिनाईयां आई मगर उन्होंने हमेशा धर्म का पालन करते हुए सहर्ष कठिनाईयों का सामना किया। उनका पूरा जीवन चरित्र एक मिशाल की तरह है। श्रीराम के रूप में उन्होंने एक ऐसा आदर्श स्थापित किया। उनके जीवन की हर एक घटना हमारे लिए प्रेरणा बन गई। इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष संतोष गांधी, महामंत्री अतुल फौजी, अम्बरीश वर्मा, अलोक माहेश्वरी, वेदप्रकाश सक्सेना, सुबोध कुमार माहेश्वरी, कैैैलाश चन्द्र गुप्ता, भवेश चांडक, सुधीर माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।