बिल्सी। नगर में चल रही रामलीला में बीती रात श्रीराधा-कृष्ण बलराम रासलीला-रामलीला संस्थान वृदावन के कलाकारों द्वारा राम वनवास का सजीव मंचन किया गया। मंथरा के कहने पर रानी कैकेई दो वरदान मांग लेती है। राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी। इसके बाद अयोध्या नगरी में सन्नाटा पसर जाता है। माता पिता की आज्ञा लेकर राम सीता व लक्ष्मण वनवास के लिए निकल पड़ते है। रामवनवास का मंचन देख लोग भाव विभार होते है। भगवान राम को लेने के लिए अयोध्या वासी सरयू नदी तट पर पहुंचते पर राम वापस लौटने से मना कर देते है। निषाद की मदद से राम सीता व लक्ष्मण के साथ नाव से गंगापार होते है। उधर राम के वियोग में दशरथ के प्राण छूट जाते है। भरत को राम के वनवास व पिता के मृत्यु की जानकारी होती है तो अयोध्या पहुंचते है। इसके बाद राम मिलने वन पहुंचते है राम के वापस लौटने से इंकार करने पर वह राम की खडाहू लेकर अयोध्या लौट आते है। कलाकारों द्वारा सजाई गई श्रीराम दरबार की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। जहां पर बीती रात मुख्य अतिथि रहे डिप्टी एसपी बलदेव सिंह खनेड़ा और एसएचओ दिनेश कुमार शर्मा ने श्रीराम का तिलक कर झांकी की आरती उतारी। कमेटी ने उनको प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।