इलेक्ट्रिक एसोसिएशन के दफ्तर में लगी भीषण आग

लखनऊ। राजधानी के लाटूश रोड तीरथ लीला भवन में दूसरे तल पर स्थित इलेक्ट्रिक एसोसिएशन के दफ्तर में शनिवार सुबह अचानक आग लग गई। दफ्तर से धुआं और आग की लपटें निकलती देख आस-पड़ोस चींख-पुकार मच गई। देखते-देखते आग ने तीसरे तल तक पहुंच गई। वहीं, तीसरे तल पर रह रहे केयर टेकर के तीन बच्चे समेत छह लोग कमरे में फंस गए। चारों तरफ बच्चों की चींख ही सुनाई पड़ रही थी। सूचना पर कैसरबाग इंस्पेक्टर आनंद कुमार शुक्ला, फायर अफसर योगेंद्र प्रसाद और उनकी टीम मौके पर पहुंची। आनन-फानन दरवाजा तोड़कर किसी तरह परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला और अस्पताल भेजा गया। दमकल कर्मियों ने घंटे भर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
दरअसल, तीरथ लीला भवन के दूसरे तल पर इलेक्ट्रिक एसोसिएशन के दफ्तर से शनिवार सुबह धुआं और आग की लपटें निकलती देख आस पड़ोस के लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। लोगों ने सबसे पहले व्यापारी पराग गर्ग और दमकल को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस दमकल गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंची। तबतक आग ने विकरालरूप ले लिया था।वहीं, तीसरे तल पर बने कमरे में केयरटेकर जय प्रकाश गुप्ता का परिवार कमरे में ही फंस गया। बच्चों की चींखें सुनकर दमकल और पुलिस कर्मियों ने आनन-फानन फायर फाइटिंग शुरू की। सबसे पहले दफ्तर का दरवाजा और बाहर से लगी खिड़कियां तोड़कर पानी फेंकना। करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। अग्निकांड के दौरान कमरे में फंसे जयप्रकाश और उनके परिवार के बच्चों और पत्नी की हालत बिगड़ गई। उन्हें सुरक्षित निकालने के बाद तत्काल सिविल अस्पताल भेजवाया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।
चीख-पुकार सुनकर दरवाजा तोड़कर निकाला बच्चों को
तीसरे तल में केयर टेकर जयप्रकाश की पत्नी गीता, नातिन पूजा और उसकी बेटी आरती (12), बेटा वंश (8) और लड्डू (4) कमरे में ही फंसे थे। पूरे परिसर में फैले धुएं के कारण सबकी हालत बिगड़ रही थी। चीख-पुकार सुनकर इंस्पेक्टर कैसरबाग आनंद कुमार शुक्ला, एफएसओ योगेंद्र, फायरमैन प्रवेश, सेकेंड अफसर आरपी सिंह और प्रदीप मौर्या आनन-फानन जीने पर पहुंचे। उन्होंने कमरे में मौजूद परिवार को सबसे पीछे वाली दीवार की तरफ जाने को कहा। इसके बाद धक्का देकर दरवाजा तोड़ा। धुएं की वजह से बच्चों की हालात बिगड़ रही थी। रेस्कयू में लगे पुलिस और दमकल के जबानों ने बच्चों को गोद में उठाकर कपड़ा उड़ाया और किसी तरह नीचे लेकर पहुंचे। वृद्ध और महिलाओं को भी सुरिक्षत निकाल लिया गया।