शिक्षक समाज के विकास की धुरी होता है: वेदमित्र बदायूं। किसी देश के नौनिहालों को शिक्षित कर उसे प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने का दायित्व शिक्षकों का होता है और इस हमारे देश का शिक्षक पूर्ण रूप से निभा रहा है। उक्त विचार आज शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्कृत महाविद्यालय वेदामऊ वैदिक विद्यापीठ के प्राचार्य वेदमित्र आर्य ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि समाज को दिशा देने और देश को प्रगति का मार्ग प्रशस्त करना शिक्षकों का दायित्व होता है, इसलिए समाज में शिक्षकों को सम्मानित रूप से देखा जाता है। किसी भी देश की आने वाली पीढ़ी की सभ्यता ही देश को विकास की ओर ले जाने में सक्षम होती है और नौनिहालों को सही दिशा में अग्रसर करना शिक्षकों का कार्य होता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक आचार्य वेदव्रत आर्य ने कहा कि शिक्षक अपने दायित्व को बिना किसी लोभ के निभाते हैं इसी कारण उन्हें समाज में विशेष सम्मान दिया जाता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को शिष्यों द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर प्रवक्ता सर्वेश कुमार गुप्ता, शिवसिंह यादव, अंकिता गुप्ता, चिम्मन लाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वहीं दूसरी ओर गुरूकुल महाविद्यालय सूर्यकुण्ड में भी शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया और प्राचार्य वेदरत्न आर्य ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए शिक्षकों का सम्मान करते हुए उनसे शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। इस मौके पर प्रवक्ता मुकेश सिंह, वेदभानु आर्य, वेदप्रिय आर्य, वेदवीर आर्य, शकुन गुप्ता एवं अपर्णा सिंघल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।