विकास भवन में भ्रष्टाचार के विरुद्ध हुआ सत्याग्रह

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मुख्य मंत्री को संबोधित नौ सूत्रीय मांगपत्र मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा।

सहकारिता व पंचायत राज विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर।

मनरेगा के अंतर्गत किसानों की भूमि पर अधिग्रहण व कृषक की सहमति के बिना न कराया जाए मिट्टी कार्य।

निर्धारित अवधि में जन समस्याएं न सुनने तथा सी यू जी नंबर पर नागरिकों से संवाद न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग।

बदायूं। भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट के नेतृत्व में अभियान के सहयोगी पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार प्रात: दस बजे विकास भवन बदायूं पर एकत्र हुए तथा राष्ट्र राग “” रघुपति राघव राजाराम ……”” का कीर्तन किया तत्पश्चात विकास भवन बदायूं में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्य मंत्री को संबोधित नौ सूत्रीय मांग पत्र मुख्य विकास अधिकारी बदायूं को सौपा। उल्लेखनीय है कि जनता से मिलने के समय में मुख्य विकास अधिकारी अधीनस्थों के साथ बैठक में व्यस्त थीं।

इस अवसर पर विचार वयक्त करते हुए मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि नागरिकों की सुविधा हेतु लोक सेवा से जुड़े महत्त्वपूर्ण विभागों को एक ही परिसर में स्थापित करने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर विकास भवनों की जिन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु स्थापना की गई, बदायूं जनपद मुख्यालय पर स्थापित विकास भवन उन उद्देश्यों से भटक गया है। इस भवन में बैठने वाले जिम्मेदार नागरिकों के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन के प्रति गंभीर नहीं है। नागरिकों से मिलने हेतु विहित समयावधि में नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं रहते हैं, सी यू जी मोबाईल नंबर पर नागरिकों से संवाद नहीं करते हैं, नागरिकों की शिकायतो की आरोपी को ही जॉच सौंपे जाने के अभ्यस्त है, सूचना का अधिकार निष्प्रभावी कर दिया गया है, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा चार का पालन नहीं किया गया है। घोटालों की जॉच को दबा दिया जाता है, प्याऊ घोटाला की जॉच पर अब तक कोइ कार्यवाहीं नहीं की गई है।

राठौड़ ने कहा कि विकास भवन में रिश्वतखोरी और कमीशनखोरी चरम पर है। विकास भवन में पीड़ित द्वारा परिवार सहित आत्म दाह करने की घटना ने सहकारिता विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के साथ ही विकास भवन के जिम्मेदार अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली को भी सार्वजनिक किया है। पंचायत राज विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को विभाग के ही अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक किया गया है। मनरेगा के अंतर्गत लोकधन का दुरुपयोग किया जा रहा है, किसानों की भूमि पर अवैघ रुप से अधिग्रहण किए बिना तथा सहमति लिऐ बिना पुलिस का भय दिखाकर पांच से सात मीटर चौड़ी सड़कें बनाई जा रही है। विकास भवन को सक्रिय बनाने, रिश्वतखोरी और कमीशनखोरी की परंपरा को समाप्त करने एवं जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों को सद्बुद्धि प्रदान करने हेतु भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के सहयोगियों द्वारा प्रमुख अधिकारियों के कार्यालयों पर निरंतर सत्याग्रह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से धनपाल सिंह, डाल भगवान सिंह, एम एल गुप्ता, डॉ राम रतन सिंह पटेल, रामगोपाल, सुशील कुमार सिंह, शमसुल हसन, एम एच कादरी, राम लखन, आर्येंद्र पाल सिंह , महेश चंद्र, अखिलेश सोलंकी, अजय पाल, ओमकार, मो इब्राहीम, रिजवान, एच एन सिंह, जयकिशन लाल, भुवनेश कुमार, राजपाल सिंह, देवेंद्र शाक्य, राजेश कुमार, असद अहमद, कुलदीप सिंह आदि उपस्थित रहे।