पूर्व मंत्री आबिद रजा के आह्वान पर आजम खान की रिहाई को अनीस सिद्दीकी ने ज्ञापन सौंपा

बदायूं। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर व वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खां की रिहाई की मांग को लेकर सोमवार को शिक्षित युवा वर्ग के कोषाध्यक्ष अनीस सिद्दीकी के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा।
उन्होंने कहा कि सांसद आजम खान की पूरी तरह से बेहतर सेहत नहीं होने के बावजूद सरकार ने आजम खान को जेल में शिफ्ट करा दिया था। यह काम सरकार ने बदले की भावना से इंसानियत के खिलाफ किया है। आजम खान को जानबूझकर सरकार बेहतर इलाज नहीं देना चाहती। सरकार की नियत आजम खान के लिए ठीक नहीं है। आजम खान ९ बार विधायक चार बार कैबिनेट मंत्री एक बार राज्यसभा सदस्य व मौजूदा समय में लोकसभा के सदस्य हैं। मौजूदा सांसद होने की वजह से भी आजम खान को प्रोटोकॉल के हिसाब से जनप्रतिनिधि होने के नाते बेहतर इलाज सरकार को देना चाहिए था। हाल में कोरोना संक्रमित आजम खान व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को इलाज के लिए मेदांता अस्पताल लखनऊ सीएमओ सीतापुर की रिपोर्ट के आधार पर भर्ती कराया गया था। कुछ दिनों आजम खान की हालत सीरियस रही लेकिन लाखों समर्थकों की दुआओं से आजम खान की हालत में सुधार होना शुरू हुआ अभी उनकी हालत इतनी बेहतर नहीं थी उनको बेहतर इलाज के लिए अस्पताल की जरूरत थी लेकिन सरकार ने जानबूझकर उनको मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न के मकसद से मेदांता अस्पताल से सीतापुर जेल में शिफ्ट करा दिया था, लेकिन पुनः तबीयत खराब होने पर मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। यह आजम खान के साथ सरकार की बहुत बड़ी नाइंसाफी है सरकार से पूछना चाहते हैं कि आजम खान को किस गुनाह की सजा सरकार सजा दे रही है क्या आजम खान का यहा गुनाह है कि वह मुसलमान है या दूसरा गुनाह यह है कि आजम खान गरीब मजलूम मजदूर अल्पसंख्यक नौजवानों के हक के लिए मजबूत आवाज बनते हैं । आजम खान का यह गुनाह है कि उन्होंने देश में सबसे कम फीस वाली छात्रों के लिए जौहर यूनिवर्सिटी बनाई जिसमें गरीब छात्रों को डॉक्टर ,इंजीनियर व अन्य अधिकारी बनने का मौका मिल रहा है। गरीब लोग भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं क्या आजम खान से सबसे बड़ा गुनाह यह हो गया है कि सन २०१९ में रामपुर से लाखों वोटों से जीत कर सांसद बने।

उन्होंने कहा कि आजम खान नौ बार विधायक बने चार बार कैबिनेट मंत्री बने लगभग ४० साल से सियासी जीवन में आजम खान के खिलाफ एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ वहीं २०१९ में आजम खान ने सांसद बनते ही साजिश कर के लगभग १०० से ज्यादा मुकदमे दर्ज करा दिए। साजिश इतनी घटिया थी उनके परिवार में विधायक तंजीम फातिमा बेटे अब्दुल्ला आजम पर मुकदमे दर्ज कराए गए। हद तो तब हो गई जब सांसद आजम खान के खिलाफ मुर्गी चोरी,बकरी चोरी,भैंस चोरी,व किताब चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। क्या जौहर विश्वविद्यालय बनाने वाला शख्स किताब चोरी कर सकता है इसलिए कानून का सम्मान करते हुए परिवार सहित फरवरी २०२० में अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सरकार को आजम खान के परिवार को जेल में डाल कर भी तसल्ली नहीं हुई बीमारी से जूझ रहे हैं आजम खान को सरकार बेहतर इलाज भी नहीं देना चाहती। सियासत के इतिहास में ऐसा जुल्म पहली बार देखा जा रहा है आजम खान पूरी अपनी सियासी जिंदगी में माजलूमों व गरीबों की आवाज बने उन्हें व उनके परिवार को इस बात की सजा मिल रही है आज उनको हमारी आवाज की सख्त जरूरत है मैं खासतौर से मुसलमान व सेकुलर हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूं याद रखना कि अगर तुम लोग आजम खान के लिए खड़े नही हुए तो पूरी जिंदगी तुम्हारे हक की लड़ाई लड़ने वाला कोई दूसरा आज़म खान पैदा नहीं होगा।
राष्ट्रपति से मांग है कि जनभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए सांसद आजम खां को शीघ्र ही रिहा किया जाए। ज्ञापन देने वालों में मुस्लिम अंसारी,अफसर अली खां ,शिभम राठौर, फैसला चौधरी,यामीन खान, दिलनवाज,मुवाहिद अहमद,रेहान खान, वहीं अहमद, सुमित माथुर, विनोद मौर्य, फरमान सिद्दीकी ,आजम सिद्दीकी, अरबाव चौधरी आदि मौजूद रहे।