बकाया भुगतान और उपेक्षा से नाराज़ आशा, आशा संगिनी 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
बरेली। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन, जो ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) से सम्बद्ध है, ने प्रदेशभर में आशा और आशा संगिनी कर्मियों के बकाया भुगतान, उपेक्षा और लंबित मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। यूनियन ने 26 नवंबर 2025 को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया था, लेकिन समस्याओं का समाधान न होने के कारण अब 15 दिसंबर 2025 से बरेली सहित पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।
यूनियन ने अपने ज्ञापन में कहा कि वर्ष 2025 के कई महीनों की आधारभूत भुगतान राशि, प्रोत्साहन राशि और राष्ट्रीय अभियानों में किए गए कार्यों का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। वर्ष 2019 से लेकर अब तक बार-बार आवाज उठाने और मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा संबंधित अधिकारियों को मांगपत्र देने के बावजूद आशाओं और संगिनियों की समस्याओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यूनियन ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मिशन निदेशालय की लापरवाही और सरकार की अनदेखी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली आशा-आशा संगिनी शोषण और आर्थिक संकट झेल रही हैं।
यूनियन ने बकाया भुगतान, न्यूनतम वेतन लागू करने, स्वयंसेवक के बजाय सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, ईपीएफ-ईएसआई, सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी, 10 लाख स्वास्थ्य बीमा, 50 लाख जीवन बीमा, बेहतर कार्यप्रणाली, यात्रा भत्ता, मोबाइल-इंटरनेट सुविधा और विभिन्न अभियानों के लंबित भुगतान सहित कई प्रमुख मांगें रखी हैं। साथ ही वर्षों से दुर्घटनाओं में मारे गए आशा कर्मियों के परिजनों को मुआवजा देने और विभिन्न जिलों में यौन उत्पीड़न रोकने के लिए जीएसवीसा कमेटियों के गठन की भी मांग की गई है।
हड़ताल में मंडल अध्यक्ष मंजू पटेल, जिलाध्यक्ष शिववती साहू, सचिव जयश्री गंगवार, उपाध्यक्ष सुनीता गंगवार, अनीता गोस्वामी, चंपा गंगवार, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी देवी, ब्लॉक अध्यक्ष मीरा देवी, सहायक मंत्री किरन गंगवार और सह सचिव रिचा शर्मा मौजूद रहेंगी । यूनियन ने चेतावनी दी है कि मांगों का निस्तारण न होने की स्थिति में आंदोलन और तेज किया जाएगा।














































































