वाराणसी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या का खुलासा, परिचित युवक और उसकी पत्नी ने रची थी साजिश
वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र में 11 दिसंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपमा उर्फ सीता की नृशंस हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था। अब पुलिस जांच में इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हो गया है। यह वारदात किसी बाहरी बदमाश ने नहीं, बल्कि मृतका के परिचित और पास में रहने वाले युवक मोहित यादव और उसकी पत्नी अंजलि चौहान ने मिलकर अंजाम दी थी।
शिवपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर गांव में 11 दिसंबर की सुबह करीब आठ बजे अनुपमा उर्फ सीता की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने पहले मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसे चुप कराया और फिर धारदार हथियार व घर में रखे पत्थर के सिलबट्टे से सिर पर ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। घटना के समय मृतका के पति शैलेश कुमार पटेल दूध बेचने बाहर गए हुए थे।
परिजनों के मुताबिक अनुपमा सुबह करीब पांच बजे उठकर घर का कामकाज कर रही थी। शैलेश रोज की तरह दूध के पैकेट बेचने बाजार चले गए थे। करीब दस बजे जब वह लौटे तो कमरे में पत्नी को खून से लथपथ जमीन पर पड़ा देखा। शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। इसके बाद रिश्तेदार शुभम को सूचना दी गई और 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया गया।
मौके पर एडीसीपी नीतू कात्यान, एसीपी नितिन तनेजा, फॉरेंसिक टीम और शिवपुर थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार सोनकर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की गई और अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
अनुपमा की शादी करीब 15 साल पहले हुई थी और उनके कोई संतान नहीं थी। वह अपने पति के साथ गांव से कुछ दूरी पर बने निजी मकान में रहती थीं। पति शैलेश सुबह दूध बेचने जाते थे, जबकि अनुपमा घर से दूध की बिक्री करने के साथ पांडेयपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में कार्य करती थीं और बीएलओ का भी काम संभालती थीं।
शुक्रवार को पुलिस ने इस हत्याकांड में मीरापुर बसही निवासी मोहित यादव और नवलपुर निवासी अंजलि चौहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को शिवपुर रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा गया, जहां वे फरार होने की फिराक में थे। आरोपियों के पास से मृतका के जेवरात, नकदी 73 हजार 640 रुपये और घटना में पहने गए कपड़े बरामद किए गए।
पुलिस पूछताछ में मोहित यादव ने कबूल किया कि वह अपनी पत्नी अंजलि के साथ लक्ष्मणपुर की शारदा विहार कॉलोनी में किराए पर रहता था। दूध खरीदने के दौरान उसकी पहचान अनुपमा से हुई थी और उसका घर आना-जाना बढ़ गया था। आरोप है कि अनुपमा संतान न होने के कारण मोहित पर संबंध बनाने का दबाव बना रही थी और मना करने पर पुलिस में फंसाने की धमकी देती थी। मोहित ने यह बात अपनी पत्नी को बताई, जिसके बाद दोनों ने अनुपमा की हत्या की साजिश रच डाली।
घटना वाले दिन सुबह अंजलि घर के बाहर रुक गई, जबकि मोहित पीछे के रास्ते से घर में घुसा और सिलबट्टे व अन्य वस्तुओं से वार कर हत्या कर दी। इसके बाद उसने जेवरात और नकदी समेटी और खून लगे कपड़े छिपाने के लिए पत्नी की शाल ओढ़कर वहां से निकल गया। दोनों ऑटो से भोजूबीर होते हुए एक होम स्टे में जाकर रुके थे।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की निशानदेही पर घटना के समय पहने गए कपड़े भी बरामद कर लिए गए हैं। मामले का सफल खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुलिस आयुक्त की ओर से 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।














































































