राजनीति विज्ञान विभाग की मानवाधिकार दिवस पर संगोष्ठी हुई
बदायूँ। राजकीय महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर 2025 की थीम दैनिक जीवन के अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति के अधिकार विषय पर विचार गोष्ठी सम्पन्न किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो अनिल कुमार ने तथा संचालन परास्नातक राजनीति विज्ञान की छात्रा कु सना उमर ने किया। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार ने कहा कि वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के ऐसे उत्कृष्ट स्तर को प्राप्त करने का अधिकार है, जो उसे और उसके परिवार के स्वास्थ्य, कल्याण और विकास के लिए आवश्यक है। मानव अधिकारों में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों के साथ समानता एवं शिक्षा का अधिकार भी महत्वपूर्ण है। राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा किआज भी दुनिया और हमारे समाज के कई हिस्सों में गरीबी, अशिक्षा, भेदभाव, हिंसा, लैंगिक असमानता और जातिवाद के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। ऐसे में केवल कानून बनाना काफी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह दूसरों के अधिकारों का सम्मान करे और अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाए। डॉ जायसवाल ने कहा कि आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने, विकास करने एवं उन्नति करने के लिए हालात ऐसे होने चाहिए जिससे कि कोई व्यवधान न आए। इसके लिए सरकार की सक्रियता और संविधान की सुपरिवर्तनशीलता आवश्यक है। इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने कहा कि वर्ष 2025 में मानवाधिकार दिवस की थीम “Our Everyday Essentials / हमारे रोज़मर्रा के अनिवार्य अधिकार” पर केंद्रित है जो हमें बताती है कि भोजन, पानी, घर, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, सम्मान और अपनी बात कहने का अवसर, ये सब कोई विशेष सुविधा नहीं बल्कि हर इंसान के बुनियादी अधिकार हैं। सना उमर ने कहा कि मानवाधिकार केवल किताबों या संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेजों तक सीमित विषय नहीं हैं, बल्कि यह हमारे रोज़मर्रा के व्यवहार, भाषा और निर्णयों में दिखाई देने चाहिए। सभा को परिषद की अध्यक्ष शगुन शर्मा, महामंत्री निखिल सिंह, संयुक्त मंत्री निशा, मो कैफ, साक्षी तोमर ने भी संबोधित किया। राजनीति विज्ञान परिषद के संयोजक डॉ दिलीप कुमार वर्मा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।
इस अवसर पर अनमोल भारती, प्रीति राठौर, अनामिका, नेहा शाक्य, मंतशा अनवर, पवन, खुशबू यादव, ललिक राम, कोमल सागर आदि उपस्थित थे।
