राम मंदिर निर्माण पूरा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के छह साल बाद भी धन्नीपुर मस्जिद की नींव नहीं

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना साकार हो चुका है। मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के साथ ही निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और भव्य राम मंदिर के उद्घाटन को करीब दो साल होने वाले हैं। इसके विपरीत, सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के छह वर्ष बाद भी मुस्लिम पक्ष को आवंटित धन्नीपुर की जमीन पर बनने वाली मस्जिद का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है। पांच एकड़ भूमि मिलने के बावजूद मस्जिद परियोजना फिलहाल फाइलों, नक्शों और औपचारिक प्रक्रियाओं में ही उलझी हुई है।

नक्शे की प्रक्रिया में अटका निर्माण
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत प्रदेश सरकार ने सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की थी। अभी यह भूमि खुला मैदान है, जिसके एक हिस्से में मजार स्थापित है, जहां जायरीन जियारत के लिए आते हैं। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी के अनुसार पहले जो नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण में दाखिल किया गया था, वह आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी न होने के कारण स्वतः निरस्त हो गया। अब मस्जिद की नई डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसे 31 दिसंबर तक विकास प्राधिकरण में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2026 के बाद निर्माण कार्य धरातल पर शुरू हो सकता है।

डिजाइन को लेकर मंथन, अब बदला स्वरूप
फारूकी के मुताबिक पहले प्रस्तावित मस्जिद की डिजाइन पर लोगों की सहमति नहीं बन पा रही थी। उस नक्शे में मस्जिद को आधुनिक स्वरूप में अंडाकार (ओवल शेप) बनाया गया था, जिसमें दो मीनार थीं और मॉडर्न लुक के लिए पारंपरिक मेहराबों को शामिल नहीं किया गया था। अब नई डिजाइन में बदलाव करते हुए पांच मीनारों का प्रावधान किया गया है। यह तय किया गया है कि मस्जिद को हजरत मोहम्मद साहब के नाम पर एक बड़ी और परंपरागत पहचान वाली मस्जिद के रूप में विकसित किया जाएगा।

65 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च, धन की कमी बड़ी चुनौती
मस्जिद, वज़ूखाना और उससे जुड़े अन्य निर्माण कार्यों पर करीब 65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि ट्रस्ट के पास इस समय केवल करीब तीन करोड़ रुपये ही उपलब्ध हैं। फारूकी ने स्वीकार किया कि मस्जिद परियोजना के लिए दान और जन समर्थन अपेक्षा से काफी कम है, जो निर्माण में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। मस्जिद का मुख्य ढांचा करीब 1400 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा, जबकि पूरा परिसर धन्नीपुर की पांच एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। भूमि की सॉयल टेस्टिंग पहले ही पूरी की जा चुकी है और प्रवेश मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर प्रशासन से सकारात्मक बातचीत हुई है।

नई मस्जिद में ये होंगी प्रमुख सुविधाएं

  • पांच मीनार और एक भव्य गुंबद
  • एक समय में करीब पांच हजार पुरुष और महिलाएं नमाज अदा कर सकेंगे
  • कैंसर अस्पताल, संग्रहालय और लाइब्रेरी का निर्माण
  • सामुदायिक किचन और रिसर्च सेंटर
  • शैक्षिक व सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी सुविधाएं

राम मंदिर निर्माण के पूर्ण होने के बाद अब निगाहें धन्नीपुर मस्जिद परियोजना पर टिकी हैं, जहां वर्षों से लंबित प्रक्रिया के बाद अगले साल निर्माण शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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