राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में किया बाल श्रम और भिक्षावृत्ति के प्रति जागरूक
बरेली । एफ आर इस्लामिया इंटर कॉलेज के सात दिवसीय विशेष शिविर के छठे दिन की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना के वॉलंटियर्स ने लक्ष्य गीत से की। प्रोग्राम ऑफिसर फरहान अहमद ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जाने वाले बाल श्रम और भिक्षावृत्ति रोकने के अभियान के बारे में छात्रों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी काम में लगाना या उनसे जबरदस्ती काम कराना उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हानिकारक होता है। बाल मजदूरी बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। बच्चों का काम मजदूरी करना नहीं बल्कि स्कूल जाना है। बाल मजदूरी अधिनियम में 14 वर्ष से कम उम्र के किसी बच्चे को कारखाने या दूसरे किसी जोखिम से भरे रोजगार में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। बाल श्रम करवाने वाले व्यक्ति को 1 वर्ष तक का कारावास या 20 हजार तक के आर्थिक जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। भिक्षावृत्ति के बारे में बताते हुए कहा कि भारत में 15 वर्ष से कम उम्र के बाल भिखारियों, खानाबदोशों की कुल संख्या लगभग पचास हज़ार से भी अधिक है जो कि एक अभिशाप है। छात्रों ने हरुनगला में लगभग 6 किलोमीटर लंबी रैली में जगह-जगह रुक कर लोगों को बाल मजदूरी और भिक्षावृत्ति को रोकने के बारे में बताया। वॉलिंटियर्स ने बच्चों को पढ़ाना है बाल श्रम मिटाना है, बाल श्रम अपराध है समाज के लिए श्राप है, बाल श्रम मिटाओ बच्चों को उनका बचपन लौटाओ जैसे नारों से लोगों को प्रेरित किया। इस मौके पर मोहम्मद अयान, गुड्डू, प्रिंस साहू, राहुल, रंजीत कुमार, समनान रजा, शारिक और सूरज सहित सभी स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
