लखनऊ में 74 वर्षीय नीलिमा श्रीवास्तव की हत्या, पुजारी ने 11 घंटे तख्त के नीचे छिपकर दी वारदात को अंजाम

लखनऊ के जानकीपुरम स्थित यशोदापुरम कॉलोनी में 74 वर्षीय नीलिमा श्रीवास्तव की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इटौंजा निवासी जितेंद्र मिश्र, जो सिटी मजिस्ट्रेट संजय सिंह के घर पुजारी है, दो दिसंबर की दोपहर नीलिमा के घर में चुपके से घुसकर तख्त के नीचे 11 घंटे तक छिपा बैठा रहा। रात करीब 11 बजे उसने लूटपाट करने की कोशिश की, लेकिन नीलिमा के जागने और पहचान लेने पर आरोपी ने उनका गला दबाकर हत्या कर दी और फरार हो गया।

जितेंद्र को इस वारदात के लिए बहकाने वाले बाकी दो आरोपी—हरदोई निवासी दीपक कुमार उर्फ दीपू और सीतापुर निवासी सुशील कुमार—को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों सिटी मजिस्ट्रेट के घर में पिछले 15 साल से नौकर के रूप में काम कर रहे थे, जबकि जितेंद्र आठ साल से पुजारी था। कुछ दिन पहले नीलिमा ने दीपक को अलमारी का लॉकर खुलवाने के लिए बुलाया था, जिसके बाद दीपक और सुशील ने जितेंद्र को लॉकर में रखे सोने के कंगन, अशर्फी और अन्य सामान के बारे में बताया और लूट के लिए उकसाया।

दो दिसंबर की दोपहर जितेंद्र मौका पाकर नीलिमा के घर में घुस गया। शाम को नीलिमा बहन और बहनोई के साथ घूमने गई थीं। रात 10 बजे लौटकर टीवी देखने के बाद सो गईं। रात 11 बजे जितेंद्र ने अलमारी खोलने की कोशिश की तो खटपट की आवाज सुनकर नीलिमा की आंख खुल गई। पहचान लेने पर उसने उनका गला दबाकर हत्या कर दी और चोरी का सामान प्लास्टिक के बोरे में भरकर भाग निकला।

आरोपी करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर अजीजनगर पुलिस चौकी तक पहुंचा और वहां से हाफ-डाले में बैठकर इटौंजा स्थित अपने घर चला गया। पुलिस टीम ने इटौंजा तक 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और फुटेज से ही जितेंद्र की पहचान कर शुक्रवार को तीनों आरोपियों को सलीम तिराहा से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से सोने के कंगन, सिक्के और आर्टिफिशियल ज्वैलरी बरामद की गई है।

एसीपी अलीगंज ने बताया कि इस मामले में अब 331(8) बीएनएस की धारा बढ़ाई जाएगी, जिसमें सूर्यास्त के बाद घर में घुसकर गंभीर चोट पहुंचाने या हत्या का प्रयास करने पर आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

You may have missed