डीपीएस स्कूल में बीडीओ शैल्ली गोविल ने विद्यार्थियों को सफलता के टिप्स दिए, प्रेरणादायी संवाद सत्र हुआ

बदायूँ।।दिल्ली पब्लिक स्कूल को आज यह विशेष सौभाग्य प्राप्त हुआ कि विद्यालय परिसर में खंड विकास अधिकारी (BDO) सुश्री शैल्ली गोविल का आगमन हुआ। उनके आगमन ने पूरे कैंपस के वातावरण में बौद्धिक ऊर्जा, प्रेरणा और सकारात्मकता का संचार किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या शुभ्रा पांडे ने उन्हें हार्दिक स्वागत करते हुए सत्र की शुरुआत की।सत्र की शुरुआत एक इंटरएक्टिव ओपन फोरम से हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने आत्मविश्वास के साथ अपने प्रश्न पूछे। सुश्री शैल्ली गोविल ने प्रत्येक प्रश्न का अत्यंत स्पष्टता, धैर्य और गहराई के साथ उत्तर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को नेतृत्व, जिम्मेदारी, आत्म-विकास और अनुशासन के वास्तविक अर्थ समझाते हुए कहा कि हर व्यक्ति अपनी यात्रा एक अनगढ़ रूप में शुरू करता है, जिसे निरंतर प्रयास, सच्चाई और परिश्रम के माध्यम से निखारा जाता है।उन्होंने यह भी बताया कि उत्कृष्टता कोई मंज़िल नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है, जो ईमानदारी और निरंतर सुधार से ही प्राप्त होती है।विद्यार्थी विशेष रूप से तब प्रभावित हुए जब मैडम ने परिश्रम से प्राप्त संतोष — “सन्तोष परम सुखम्” — की सुंदर व्याख्या की।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सफलता शॉर्टकट्स से नहीं, बल्कि निरंतर मेहनत, ईमानदारी और सीखने की इच्छा से मिलती है। उनके जीवन-आधारित उदाहरण, सहज व्यक्तित्व और व्यावहारिक दृष्टिकोण ने विद्यार्थियों को गहराई से प्रेरित किया।प्रश्नों के उत्तर देने के साथ ही उनका संबोधन विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख साबित हुआ। उन्होंने सही मानसिकता, विवेकपूर्ण निर्णय, सकारात्मक दृष्टिकोण और दृढ़ता विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने, उद्देश्यपूर्ण कार्य करने और समाज में सार्थक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया۔सत्र के समापन पर प्रधानाचार्या शुभ्रा पांडे ने माननीय सुश्री शैल्ली गोविल को ‘Token of Love’ भेंट कर उनका हार्दिक सम्मान किया। विद्यालय प्रबंधन ने सुश्री गोविल के मूल्यवान समय, मार्गदर्शन और प्रेरणादायी विचारों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।डीपीएस बदायूँ परिवार बीडीओ सुश्री शैल्ली गोविल का हार्दिक धन्यवाद करता है, जिन्होंने अपनी विनम्रता, व्यावहारिक ज्ञान और गहन अंतर्दृष्टियों से विद्यार्थियों को समृद्ध किया। उनका यह प्रेरक सत्र विद्यार्थियों के मन में लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव छोड़ते हुए उन्हें अनुशासन, परिश्रम और उद्देश्यपूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

You may have missed