3.19 करोड़ से बन रहा दिव्यांग बच्चों के लिए बचपन डे केयर सेंटर

अयोध्या। रामनगरी में श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित व बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिए आधुनिक बचपन डे केयर का निर्माण किया जा रहा है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से 3.19 करोड़ रुपये की लागत से नजूल की भूमि पर बन रहे इस सेंटर के माध्यम से तीन से छह वर्ष की आयु के उन दिव्यांग बच्चों को विशेष देखभाल, प्रारंभिक शिक्षा और थेरेपी मिलेगी, जिनके माता-पिता दिनभर काम पर रहते हैं। यह सेंटर अयोध्या धाम में परिक्रमा मार्ग के पास ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा क्षेत्र में करीब चार हजार वर्ग फीट भूमि पर बनाया जा रहा है। राज्य कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आई है। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड इसे निर्धारित समय में पूरा करने में जुटी है। सेंटर का भवन तीन मंजिला होगा। ऐसे अभिभावक, जो अपने छोटे दिव्यांग बच्चों को घर पर अकेला छोड़ने के लिए मजबूर होते थे, यह सेंटर उन परिवारों के लिए वरदान साबित होगा। अलग-अलग दिव्यांगता के लिए विशेष कक्षाएं व थेरेपी रूम होगा

सेंटर में बच्चों को सुबह से शाम तक सुरक्षित माहौल में रखा जाएगा। प्रशिक्षित विशेष शिक्षक, थेरेपिस्ट, केयर टेकर और मनोवैज्ञानिक बच्चों की जरूरत के अनुसार व्यक्तिगत ध्यान देंगे। शुरुआती दौर में 30-40 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। इसे बाद में बढ़ाया जा सकता है। यहां पर अलग-अलग दिव्यांगता के लिए विशेष कक्षाएं व थेरेपी रूम होगा। स्पीच थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, फिजियोथेरेपी और सेंसरी इंटीग्रेशन थेरेपी की सुविधा मिलेगी। ब्रेल किट, श्रवण यंत्र, संवेदी खिलौने और विशेष शैक्षिक सामग्री उपलब्ध होगी। रैंप, लिफ्ट व हैंडीकैप टॉयलेट सहित यह भवन पूरी तरह दिव्यांग अनुकूल होगा। सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था भी रहेगी।

अगले वित्तीय वर्ष में जुलाई तक बनकर होगा तैयार

यह सेंटर न केवल बच्चों की देखभाल करेगा बल्कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा, भाषा विकास और सामाजिक कौशल को भी बढ़ावा देगा, ताकि आगे चलकर वे सामान्य स्कूलों में आसानी से दाखिला ले सकें। जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी चंद्रेश त्रिपाठी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश भर में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है। अयोध्या में बन रहा बचपन डे केयर सेंटर रामलला की नगरी में दिव्यांग बच्चों के लिए नई उम्मीद की किरण बनकर उभरेगा। यह अगले वित्तीय वर्ष में जुलाई तक बनकर तैयार हो जाएगा।

You may have missed