प्रकृति फाउंडेशन’ मेरठ ने समाज सेवा के क्षेत्र में बदायूं के शिक्षाविद व समाजसेवी सम्मानित
मेरठ । P-3 स्टूडियो में प्रकृति फाउंडेशन व ममता सेवी संस्था बदायूं के संयुक्त तत्वावधान द्वारा राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया. सेमिनार का विषय ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका ‘ रहा। जिसमें बदायूं के शिक्षाविद व समाजसेवी को सम्मानित किया गया। संयोजक मुकेश नादान व फाउंडर निरुपमा वर्मा ने बताया-‘ कि संस्था समाज को समर्पित व शिक्षा को समर्पित कार्यक्रम समय समय पर आयोजित करती रहती है। जिससे लोगों में ऊर्जा संचरित होती रहे।’
उक्त समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार डॉ ममता नौगरैया (बदायूं) मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डॉ मिथिलेश दीक्षित (लखनऊ) तथा मुख्य वक्ता के रूप में श्री सतीश ‘सहज’ (मेरठ) की गरिमा पूर्ण उपस्थिति रही।
समारोह में समाज सेवा में किए गए सराहनीय कार्यों के लिए 31 महान विभूतियों को अंग वस्त्र, प्रतीक चिह्न, तथा प्रशस्तिपत्र देकर अलंकृत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही बदायूं की ममता सेवी संस्था की संस्थापिका डॉ ममता नौगरैया ने कहा -‘समाजसैवक का अर्थ है वास्तविक रूप से समाजसेवा करना।’
अलंकृत महान विभूतियों में बदायूं की डॉ. वंदना मिश्रा (शिक्षा), प्राचार्या राजकीय महाविद्यालय बदायूं ,डॉ प्रतिभा मिश्रा, बदायूं (समाजसेवा), नेत्र चिकित्सक ,सरला चक्रवर्ती (शिक्षा )प्राचार्य गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं ,डॉ शुभ्रा माहेश्वरी (शिक्षा) , विभागाध्यक्ष हिन्दी संघटक राजकीय महाविद्यालय सहसवान( बदायूं) आदि ने अपने शहर का परचम लहराया। सभी ने अपने विचार व अनुभव राष्ट्रीय सेमिनार में साझा किए। अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ वंदना ने कहा -‘हमें अपनी हिन्दी का मान युवाओं को समझाना होगा ।’ तो डॉ प्रतिभा मिश्रा उपाध्यक्ष ममता सेवी संस्था ने कहा -‘हमें युवाओं में संस्कार व संस्कृति का संचार करना होगा।’
सरला चक्रवर्ती ने कहा-‘ कि युवा पीढ़ी देश का भविष्य है जिसे संवारने का कार्य शिक्षक करता है।’ डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने कहा -‘ शिक्षक वर्ग ही युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है उसकी प्रतिभाओं को निखारकर प्रेरणास्त्रोत बनता है।’
इसके अलावा अन्य अलंकृत विभूतियों में डॉ. मनीषा सिंह, गाज़ियाबाद (शिक्षा),गणेशदास स्वामी, राजस्थान (समाजसेवा)डॉ हरीतिमा दीक्षित, गाजियाबाद (साहित्य), उषा शर्मा, मथुरा (साहित्य),डॉ नेत्रमनी उत्तराखंड (शिक्षा)डॉ प्रेरणा शर्मा, मथुरा (शिक्षा) वर्षा अग्रवाल, अलीगढ़ (साहित्य),डॉ. शेफाली गोयल, गाजियाबाद (शिक्षा) डॉ. हरजीत कोर,दिल्ली (चिकित्सा) नूतन कुमारी, दिल्ली (चिकित्सा),सुमन गुप्ता, दिल्ली (चिकित्सा). सुष्मिता महापात्र,दिल्ली (चिकित्सा)डॉ. स्वप्ना के थॉमस, दिल्ली (चिकित्सा. प्रदीप अग्रवाल, मेरठ (साहित्य)पी यादव ओज, ओडिशा (साहित्य) राजकुमारी शर्मा, मेरठ (पर्यावरण),शोभा कुमारी, दिल्ली (चिकित्सा),निशा सागर, दिल्ली (चिकित्सा)डॉ. गौरव शर्मा, मेरठ (शिक्षा). डॉ. आर के शर्मा, मेरठ (समाजसेवा). विवेक यादव, फिरोजाबाद (समाजसेवा)डॉ. रमा पूर्णिमा शर्मा, जापान (साहित्य)डॉ. अनीता कपूर, अमेरिका (साहित्य)
वैशाली गोयल, मेरठ (चिकित्सा) का संचालन रहा।
प्रसिद्ध कवयित्री डॉ शुभम त्यागी के काव्य ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
समारोह के अंत में सभी अतिथियों तथा अलंकृत विभूतियों का संस्था की अध्यक्षा निरुपमा वर्मा सचिव मुकेश नादान द्वारा आभार व्यक्त किया गया। समारोह में डॉ सुबोध, आर के भटनागर,उमेश वर्मा, चरण सिंह स्वामी, रीना मित्तल, चंद्र शेखर मयूर, निशा वर्मा, आयुष वर्मा, डॉ नीलम मिश्रा आदि की उपस्थिति रही। ममता सेवी संस्था बदायूं व प्रकृति फाउंडेशन मेरठ का संयुक्त संयोजन रहा।
