36 साल बाद हत्या का फरार आरोपी गिरफ्तार, नाम बदलकर अब्दुल रहीम बनकर रह रहा था मुस्लिम विधवा से की शादी
बरेली। थाना प्रेमनगर पुलिस ने 36 वर्षों से फरार चल रहे हत्या के आरोपी प्रदीप कुमार सक्सेना को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। कोर्ट की कार्रवाई से लगातार बच रहे आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए नाम बदलकर मुस्लिम धर्म अपना लिया था और मुरादाबाद में अब्दुल रहीम के नाम से करीब तीन दशक से रह रहा था। उसने लंबी दाढ़ी बढ़ाकर अपनी शक्ल-सूरत भी पूरी तरह बदल ली थी। 1987 में की थी भाई की हत्या, पैरोल पर बाहर आकर हो गया था फरार जानकारी के अनुसार वर्ष 1987 में प्रदीप ने अपने ही भाई की हत्या कर दी थी। गिरफ्तारी के बाद वह जेल गया, लेकिन हाई कोर्ट से पैरोल पर बाहर आने के बाद दोबारा वापस नहीं लौटा और तब से फरार चल रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह कई वर्षों पहले कस्वा शाही से गायब हो गया था। बाद में उसके भाई सुरेश बाबू ने बताया कि प्रदीप ने मुस्लिम धर्म अपना लिया है और मुरादाबाद के मोहल्ला करूला में नई पहचान के साथ रह रहा है। उसने एक मुस्लिम विधवा महिला से शादी कर ली थी और वहीं परिवार बसाकर जीविका के रूप में ट्रांसपोर्ट नगर में ड्राइवर का काम करता था। हाई कोर्ट के आदेश पर बनी विशेष टीम उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने क्रि. अपील संख्या 1913/1989 प्रदीप कुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में 16 अक्टूबर 2025 को आदेश दिया था कि आरोपी को चार सप्ताह के भीतर गिरफ्तार कर सीजेएम बरेली की अदालत में पेश किया जाए। आदेश के अनुपालन में एसएसपी बरेली ने क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम आशुतोष शिवम के पर्यवेक्षण में एक विशेष पुलिस टीम गठित की। डेलापीर मंडी से दबोचा गया आरोपी मुरादाबाद में खोजबीन के दौरान टीम को पता चला कि वह ‘अब्दुल रहीम उर्फ़ सक्सेना ड्राइवर’ के नाम से मशहूर है। मुखबिर की सूचना पर बरेली के डेलापीर मंडी क्षेत्र में पुलिस ने उसे संदिग्ध स्थिति में पकड़ लिया। सख्ती से पूछताछ पर उसने स्वीकार किया कि उसका वास्तविक नाम प्रदीप कुमार सक्सेना है और वह 1989 में पैरोल पर आने के बाद से फरार है। उसने बताया कि वर्ष 2002 में कोर्ट कार्यवाही से बचने के लिए उसने धर्म परिवर्तन कर नई पहचान बनाई थी। पुलिस ने वारंटी को शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस टीम में प्रयागराज सिंह थानाध्यक्ष प्रेमनगर , उनि मोहम्मद सरताज चौकी प्रभारी कानूनगोयान, कांस्टेबल अनुराग।
