उर्स का पांचवां दिन अकीदत और रूहानियत के रंग में रंगा, मज़ार ए पाक का हुआ गुस्ल, देर रात कुल शरीफ़

बरेली। उर्स के पांचवें दिन गुरुवार को कार्यक्रमों का आगाज़ नमाज़-ए-फज्र के बाद कुरानख्वानी से हुआ। इसके पश्चात सुबह 9 बजे खानकाह में सभी सहाब्ज़ादगान और बड़ी संख्या में जायरिन इकट्ठा हुए। इस दौरान सरकार मेहदी मियां नियाज़ी किब्ला मद्दाजिल्लाहुल आली की मौजूदगी में मज़ार-ए-पाक का गुस्ल कराया गया।
गुस्ल के बाद जब मेहदी मियां साहब किब्ला मसनद पर जलवा अफ़रोज़ हुए, तो उपस्थित कव्वाल हज़रात ने सरकार अज़ीज़ मियां क़ादरी चिश्ती नियाज़ी र० अ० द्वारा लिखित कलाम पेश किया। सुबह 11:30 बजे खानकाह के लंगरख़ाने में फतेहाख्वानी हुई, जिसके बाद जायरिन और अकीदतमंदों में लंगर तक्सीम किया गया। इसके उपरांत चादरपोशी और गुलपोशी का सिलसिला शुरू हुआ, जहां लोगों ने अपनी मुरादें मांगीं।
रात में बाद नमाज़-ए-इशा महफिल-ए-समा़ का आयोजन हुआ, जिसमें सूफियाना कलाम पेश किए गए। कव्वालों ने हज़रत कुबते आलम मदार-ए-आजम शाह नियाज़ बे-नियाज़ अहमद क़ादरी चिश्ती निज़ामी र० अ० के लिखे हुए कलाम बारी-बारी से सुनाए।
रात करीब 1 बजे हज़रत सिराजुस्सालेकिन कुद्‌दिसिर्रहुल अज़ीज़ का कुल शरीफ़ अदा हुआ। इसके बाद सज्जादा नशीन सरकार मेहदी मियां नियाज़ी साहब किब्ला ने मुल्क में अमन-ओ-अमान की दुआ कराई। जायरिन की आमद पूरे दिन रही और कार्यक्रम का समापन रात 1:30 बजे हुआ। यह जानकारी मौलाना कासिम नियाज़ी ने दी।

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