नये लेबर कोड मजदूरों के अधिकारों पर गहरी चोट , ट्रेड यूनियंस का आरोप
बरेली। देशव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत बरेली ट्रेड यूनियंस फेडरेशन के पदाधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में चारों नये लेबर कोड्स को मजदूर-विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की गई। महामंत्री संजीव मेहरोत्रा और अंचल अहेरी ने कहा कि 29 श्रम कानूनों को मिलाकर बने इन कोड्स का उद्देश्य “Hire and Fire” को बढ़ावा देना है, जिससे मजदूरों की नौकरी और अधिकार असुरक्षित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हड़ताल पर कड़ी पाबंदियाँ लगने से शांतिपूर्ण विरोध भी दंडनीय हो सकता है। कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अंचल अहेरी के अनुसार नए प्रावधान ठेका प्रथा को वैधता देते हैं, क्योंकि कंपनियाँ अल्पकालिक अनुबंध पर मजदूर रखकर मनमाने ढंग से हटा सकेंगी। इंकलाबी मजदूर केंद्र के हरगोविंद ने कहा कि नये कोड अभिव्यक्ति, यूनियन बनाने और हड़ताल के अधिकारों को कमजोर करते हैं तथा लेबर कोर्ट समाप्त होने से न्याय और कठिन हो जाएगा। उपाध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा ने ठेका मजदूरों की बढ़ती संख्या को चिंताजनक बताया, वहीं मोहम्मद फैसल ने कहा कि छंटनी की अनुमति सीमा 300 करने से 93% मजदूर संरक्षण से बाहर हो जाएंगे। अन्य वक्ताओं ने असंगठित मजदूरों के भविष्य को अंधकारमय बताते हुए मुख्य नियोक्ता की जवाबदेही खत्म होने पर चिंता जताई। क्रांतिकारी किसान मंच के हिमांशु ने कहा कि हम इन नए लेबर कोड का विरोध करते हैं और इनके खिलाफ चल रहे मजदूरों के आंदोलनों का समर्थन करते हैं। मजदूरों और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए हमें किसान – मजदूरों की व्यापक व मजबूत एकता की जरूरत है। कार्यक्रम में कई संगठन प्रतिनिधि उपस्थित रहे। ज्ञापन के दौरान अरविंद शुक्ला, रामसेवक, पप्पू, अंकित, विमल, संजय, निशा, कैलाश, के पी सिंह सतेंद्र, भारत सिंह, एडवोकेट यशपाल, एडवोकेट टी डी भास्कर, सतीश कुमार सिंह, लाल जी कुशवाहा, बालकराम, सौरभ कुमार, उमेश, रमजान अली, ईश्वर चंद आदि शामिल रहे।
