राममंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराने के साथ ही भारतीय सभ्यता का पुनर्जागरण
बरेली। भगवान श्रीराम की रामनगरी अयोध्या में 25 नवंबर 2025 मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर के शिखर पर आधुनिक तकनीक से युक्त माध्यम से लगभग 4 मिनट में भगवा धर्म ध्वजा को फहरा दिया गया। इसी के साथ भारतीय सभ्यता का पुनर्जागरण होने की बात कही गई। अयोध्या के राम मंदिर पर हजारों लोगों के राम मंदिर आंदोलन में बलिदान होने के बाद मंगलबार को आखिर वह दिन आ ही गया जब पूज्य संतों, महंत नृत्य गोपाल दास, संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के 161 फिट ऊंचे शिखर पर आधुनिक तकनीक से डोरी के माध्यम से नीचे से ऊपर ले जाकर भगवा धर्मध्वज फहराया जो चौड़ाई में त्रिभुजाकर आकार में है जो 360 डिग्री एंगिल पर घूम भी सकता है। उस समय मोदी भक्ति में लीन हो गए और उनके हाथ में कंपन भी होने लगा।

भगवा धर्मध्वजा फहराने से लगभग 500 वर्ष बाद राम मंदिर की पूर्णता का एवं विकसित भारत की सनातन परंपरा का भी प्रतीक यह कार्यक्रम बन गया । साथ ही धर्मध्वजा फहराने के साथ ही भारतीय सभ्यता का पुनर्जागरण भी हो गया। मंदिर में जय श्रीराम के उदघोष से वातावरण गूंज गया। इस धर्म ध्वज का आकार -प्रकार 20 फिट लंबा 10 गुणा चौड़ाई में त्रिभुजाकर आकार में है जो रेशमी सिल्क का है और पीताम्बरी/केसरिया रंग में है जो कि अरुणिमा बेला में सूर्योदय के पूर्व क्षितिज पर बिखरी रश्मियों की लालिमा के समान है। इस ध्वज में पैराशूट फैब्रिक का अस्तर लगाया गया है। इस पर हस्तकारी के जरिए भगवान राम के राजवंश का चिह्न कोविदार वृक्ष व सूर्यदेव के प्रतीक सूर्य व उनके मध्य में ओंकार का चिह्न बनाया गया है। इसे कानपुर में कुल 6 कारीगरों ने लगभग 25 दिन में तैयार किया है। यह ध्वज सूर्य, बारिश और तेज हवा के प्रभाव को सह सके। इस धर्मध्वज को मंदिर पर लगे 42 फीट ऊंचे 5100 किलो के भार वाले पीतल के ध्वजदंड पर 161 फिट की ऊंचाई पर फहराया गया। राम मंदिर में रामलला मंदिर के अलावा परकोटे में बने 6 अन्य मंदिरों का भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवलोकन कर हाथ जोड़ कर प्रणाम किया । पूर्व में रामलला की मूर्ति स्थापना की तरह ही मंगलवार 25 नवंबर 2025 को भगवा धर्मध्वज को प्रधानमंत्री एवं संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में कार्यक्रम हुआ जिसमें साधु संत, 2 करोड़ रुपए से अधिक दान देने वाले दानदाता, हस्त शिल्पियों के अलावा 7 हजार लोग परिसर में उपस्थित होकर इसके साक्षी बने । इसी दिशा में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने कार्य भी शुरू किया है । मंदिर के 161 फिट ऊंचे शिखर पर 20 फुटी भगवा ध्वज आधुनिक तकनीक से कई दिन चले पूजन के बाद फहरा दिया गया है । जो मंदिर की पूर्णता का भी प्रतीक है। अब भक्त पूर्ण मंदिर का भ्रमण कर धर्मध्वज फहराते हुए देख सकेंगे। स्मरण रहे दीपावली से पूर्व राम मंदिर का मिट्टी के दीप के झिलमिल प्रकाश वाला दीपोत्सव = 2025 का कार्यक्रम रविवार 19 अक्टूबर 2025 शाम देखने लायक रहा था। लेजर शो के अलावा बड़े बड़े पीतल के दीप से पंडितों ने आरती भी की। प्रभु राम की नगरी अयोध्या रोशनी दुल्हन की तरह सजी।

मिट्टी के दीपों का झिलमिल प्रकाश सरयू नदी में अलग छठा बिखेर रहा था।इस वर्ष भी राममंदिर नगरी में दीप प्रज्ज्वलन का फिर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। राम मंदिर में भगवान रामलला स्थापना के दूसरे वर्ष एवं 9वां दीपोत्सव में राम की पैड़ी समेत सरयू तट पर बने 56 घाटों पर 26 लाख 17 हजार से अधिक मिट्टी के दीप जलाए जलाए गए। यू पी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने श्रीराम मंदिर में दीप जलाए। इसके बाद दीपोत्सव 2025 में राम की पैड़ी पर दीपक जलाना का क्रम शुरू हो गया। इसी श्रृंखला में 26 लाख 11 हजार 101 दीपक एक साथ जलाए गए। आसमान से ही ड्रोन से दीपों की गणना की गई। राम की पैड़ी पर लेजर लाइट शो का अद्भुत प्रदर्शन भी किया गया। रामनगरी अयोध्या में इसकी गणना में 26 लाख 17 हजार 215 दीप जलाने वाला आंकड़ा दर्ज हुआ। इसके साथ ही अपने बीते वर्ष वाले 25 लाख 12 हजार 585 को तोड़कर यह फिर दीप प्रज्ज्वलन का नया विश्व रिकॉर्ड बन गया। इसके अलावा पीतल के दीप से 2138 पंडितों ने आरती कर भी अपना पूर्व का रिकॉर्ड तोड़ा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव 2025 के दौरान बनाए गए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के दोनों प्रमाण पत्र पुन प्राप्त किये। श्रीरामनगरी अयोध्या इस बार सिर्फ दीपोत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि अपने पुराने विश्व रिकॉर्ड तोड़ कर उसे अपडेट बनाने की तैयारी में भी पूरी तरह सजी हुई थी। सरयू नदी के तट पर लेजर और लाइट शो के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हुई। पूरा सरयू घाट दीयों और रंग- बिरंगे झिलमिल प्रकाश से जगमगा रहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले श्रीराम मंदिर पहुंचकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के दर्शन-पूजन किए और फिर राम की पैड़ी पर श्रद्धा के दीप जलाए गए । मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रांगण में आरती उतारी और श्रद्धालुओं का अभिवादन भी किया। रामनगरी अयोध्या इस दौरान प्रभु श्रीराम की भक्ति में ही लीन दिखी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम मंदिर में पूजा के बाद मंदिर भवन और प्रांगण में दीप जलाकर भगवान श्रीराम के चरणों में नमन किया। इसके बाद उन्होंने राम की पैड़ी पर हजारों दीपों के बीच श्रद्धा का दीप प्रज्वलित किया। राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के समन्वयकों और छात्र- छात्राओं ने दीपोत्सव की भव्यता को उस समय मूर्त रूप दिया। सभी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामनगरी अयोध्या का गौरव फिर से जीवित हुआ है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने राम की पैड़ी पर पारंपरिक चौक पूरन शैली में स्वास्तिक भी बनाया गया । दीपों से सजी कई आकर्षक कलाकृतियो से दीपोत्सव की सुंदरता और बढ़ गई। लोगों ने इन कलाकृतियों की सराहना की। अयोध्या में 2.7 एकड़ विस्तृत तीन मंजिला भगवान राम मंदिर का मुख्य मंदिर परिसर में रामलला की गर्भगृह में मूर्ति के अलावा प्रथम तल पर राम दरबार सजाया गया है। 3.5 किलोमीटर की चाहरदिवारी में बने सप्त मंडप में महर्षि बाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, रामभक्र निषादराज, माता शबरी, एवं ऋषि पत्नी अहिल्या का मंदिर बने हैं। इसके अलावा संत तुलसी दास मंदिर, रामभक्त जटायु, एवं गिलहरी की प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर परिसर को 70 प्रतिशत भाग को हरा भरा बनाया गया है । इसमें 10 एकड़ में पंचवटी, श्री राम मंदिर पर अब तक 2150 करोड़ रुपए का संभावित व्यय होना आंका गया है। लगभग 3 हजार करोड़ का दान भी मंदिर को मिल चुका है । अब भगवान श्री राम मंदिर मे पूर्व में रामलला के टाट वाले वैकल्पिक गर्भगृह को भी अब संरक्षित करने के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की ओर से राम मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को सौंपा गया है। लार्सन एंड टुब्रो ने टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के पर्यवेक्षण में इसका निर्माण भी प्रारंभ करा दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहाँ रामलला को प्रतिष्ठित किया था, उस स्थल को भी सुरक्षित किया जा रहा है। राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ होने के बाद 25 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं रामलला को प्रतिष्ठित किया था। इसी कारण इसे सुरक्षित किया गया है। वैकल्पिक गर्भगृह के रूप में जाना जाने वाला यह स्थल राम जन्मभूमि परिसर में ही पुलिस चौकी व मंदिर के परकोटे के समीप स्थित है। मंदिर परिसर में बन रहा बड़ा सभागार एवं संग्रहालय भी अगले वर्ष 2026 में पूरा होगा। मंदिर परिसर में हरियाली एवं छाया को भी महत्व दिया गया है। राम मंदिर पर धर्मध्वजा फहराने से पूर्व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अयोध्या में रोड शो भी हुआ था। निर्भय सक्सेना
