यूपी में 20 हजार बच्चों को एआई विशेषज्ञ बनाने की तैयारी तेज
उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों के 20 हजार बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग और डिजिटल तकनीक में पारंगत बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में एआई, कोडिंग और साइबर सिक्योरिटी को शामिल किया गया है। इसके व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को आईआईटी कानपुर से विशेष प्रशिक्षण दिला रहा है। प्रशिक्षित शिक्षक बाद में अपने-अपने जिलों में 250 से 300 छात्रों को आधुनिक तकनीक की शिक्षा देंगे।
प्रदेश के हर जिले से 10 शिक्षकों सहित कुल 750 शिक्षकों को विषय विशेषज्ञ के रूप में आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 150 शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। बच्चों को ट्रेनिंग ऑफलाइन, आईआईटी विजिट, विशेषज्ञों की वर्कशॉप और हाइब्रिड मोड में दी जाएगी। प्रशिक्षण से बच्चे न केवल तकनीकी रूप से सक्षम बनेंगे बल्कि साइबर फ्रॉड और डिजिटल सुरक्षा जैसे खतरों से खुद को और अपने परिवार को भी बचा सकेंगे।
एससीईआरटी निदेशक डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि यह पहल शिक्षा सुधार का उदाहरण बनेगी और दुनिया में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर बच्चों को एआई प्रशिक्षण देकर रिकॉर्ड स्थापित किया जाएगा। कक्षा 6 से 8 तक के इन 20 हजार बच्चों को कंप्यूटर, ऑपरेटिंग सिस्टम, डिजिटल क्रिएटिविटी, ऑनलाइन रिसर्च, पाइथन प्रोग्रामिंग, साइबर सुरक्षा, एआई आधारित टूल्स, गूगल शीट्स और ऑनलाइन डेटा हैंडलिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
योजना के तहत स्कूलों में मिनी टेक्नोलॉजी लैब, मशीन लर्निंग वर्कशॉप, हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक एआई कक्षाएं विकसित की जा रही हैं। अगले चार महीने में यह योजना पूरी तरह जमीन पर उतर जाएगी और हर चयनित बच्चे को प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग और डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है कि सरकारी स्कूल भी आधुनिक तकनीक की मुख्यधारा में आएं। नई पीढ़ी को एआई और प्रोजेक्ट लर्निंग में विशेषज्ञ बनाकर यूपी को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर नई पहचान दी जाएगी।
आईआईटी कानपुर के प्रोजेक्ट समन्वयक प्रो. जे. रामकुमार ने बताया कि 750 शिक्षक 150 घंटे के विशेष प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं और आगे चलकर 20 हजार बच्चों को एआई और डिजिटल कौशल में धुरंधर बनाएंगे। यह नई पीढ़ी के निर्माण की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
