एपीएस इंटरनेशनल स्कूल मे ’विद्योत्सव’ सांस्कृतिक उत्सव की धूम रही,रंगारंग कार्यक्रमों ने धमाल मचाया

उझानी। ए0पी0एस0 इंटरनेशनल स्कूल में ’विद्योत्सव’ (सांस्कृतिक उत्सव 2025) की धूम रही। ’विद्योत्सव’ की यह शाम उमंग, उल्लास व जोश से ओत प्रोत रही। विद्यालय प्रवेशद्वार से कार्यक्रम स्थल तक की शोभा अनुपम थी। यह सांस्कृतिक उत्सव परंपराओं, कलाओं और सामाजिक पहलुओं को दर्शाने का प्रयास था। कार्यक्रम की प्रस्तुति कक्षा एन0सी0 से कक्षा 8 तथा कक्षा 9 व 11 के कुछ विद्यार्थियों द्वारा दी गई। कार्यक्रम की शुरूआत ए0पी0एस0 रॉकबैंड आर्केस्ट्रा से हुई। इस रॉकबैंड के अध्यापक श्री क्रिस थे। बच्चों ने बैंड के माध्यम से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय के चेयरमैन विमलकृष्ण अग्रवाल, चेयरपर्सन पूनम अग्रवाल, निदेशक निंलाशु अग्रवाल, निदेशिका नंदिता अग्रवाल थी। अन्य आमंत्रित अतिथिगण भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य रविन्द्र भट्ट व उपप्रधानाचार्या मीनाक्षी शर्मा ने अतिथियों को बुके देकर उनका सम्मान किया। भारतीय संस्कृति में सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों मंे दीप प्रज्जलित करने की परंपरा है। उसी का निर्वहन करते हुए दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथियों, प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्या, शैक्षणिक प्रमुख व विद्यालय के संयोजिका द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत ’गणेश वंदना’ की शानदार प्रस्तुति से हुई, जिसके द्वारा कक्षा 9 और 11 के विद्यार्थियों ने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई और समा बांधकर लोगों का मनमोह लिया। ’बप्पा मोरया’ की ध्वनि से सारा वातावरण गूंज उठा। कार्यक्रम को 3 थीम में प्रस्तुत किया गया।

पहली थीम जंगल लाइफ पर मनमोहक प्रस्तुति एन0सी0 से यू0के0जी0 तक बच्चों ने नृत्य के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना था। हिरण, हाथी, शेर व अन्य जीवों के रूप मंे बच्चों ने बहुत शानदार प्रदर्शन कर सबका मन मोह लिया। संगीत और जंगल जैसी साज सज्जा ने प्रस्तुति को जींवत बना दिया। जंगल लाइफ को सफल निर्देशन किंडरगर्डन के अध्यापिकाओं ने किया। दूसरी थीम बचपन रंग बिरंगा थी। कक्षा 1 से 5 तक विद्यार्थियों ने बचपन के दिन विषय के अंतर्गत ’बैक अप सिड’ ’मै ऐसा क्यों हूँ’, ’ला-ला-ला’, ’जाने क्यों ओर एक जिंदगी गानों पर हद्यस्पर्शी प्रस्तुतियाँ दी। बच्चों की प्रस्तुतियों में खेलकूद, स्कूल की शरारतें और दोस्ती जैसे बचपन के खूबसूरत पलों को दिखाया गया। बच्चों द्वारा किया गया नाटक जिसमें उन्हें माता-पिता तथा अपने शिक्षकों आदर करना जैसे संस्कार दिए गए, सभी को खूब प्रशंसा की। बचपन रंग बिरंगा थीम के निर्देशन कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापक- अध्यापिकाओं द्वारा किया गया।

कक्षा 6 से 8 तक के विद्याथियों ने ’भारत की विविधता’ विषय पर भारत के विभिन्न राज्यों की परम्पराओं और कला प्रस्तुत की। उत्तर भारत का कथक, महाराष्ट्र गोंदल, पंजाब का गिद्दा और भांगड़ा और साउथ बालीबुड स्वाग गीतों ने मंच को रंगों से भर दिया छात्रों की पारंपरिक वेशभूषा और राज्य विशेष के संगीत ने पूरे सभागार को उत्सव जैसा माहौल प्रदान किया। कार्यक्रम की प्रस्तुति उर्जा व जोश से परिपूर्ण थी। मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास और रचनात्मकता बढ़ाते है। बच्चों को देश की संस्कृति से जोड़ते है। स्पेशल एक्ट नरसिम्हा की प्रस्तुति ने सारे वातावरण को नारायण मय बना दिया। इसकी प्रस्तुति कक्षा 5, 9 व कक्षा 11 के विद्यार्थियों द्वारा दी गई। प्रस्तुति की सभी ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। यह नाट्य केवल बुराई के विनाश के बारे में नही था- यह ब्रांहमांड में सत्य विश्वास और संतुलन के बारे में था। इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन, चेयरपर्सन, निदेशक, निदेशिका, प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्या ने कक्षा 10 और 12 के मेधावी विद्यार्थियों को, जिन्होनें सी0बी0एस0ई बोर्ड की सत्र 2024-2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, अभिभावकों के साथ सम्मानित किया। सभी को विद्यालय स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त मीडिया के अभिषेक आर्या (सत्यमेव भारत न्यूज) को भी सम्मानित किया गया। श्रीमती प्रिया राना व श्री विवेक सिंह व सिम्मी नाजिर को विशेष उपहार देकर सम्मानित किया गया। श्री सूर्या (एडिटर ऑफ इवेंट) को भी सम्मानित किया गया। कला विभाग की श्रीमती रचना यादव, श्री मनोज कुमार सक्सेना व श्रीमती अर्चना पांडेय को भी विद्यालय स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य अतिथियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक श्री निलांशु अग्रवाल ने अपने भाषण मे सभी को समय निकालकर कार्यक्रम मे उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि ’विद्योत्सव’ केवल एक उत्सव ही नही है, बल्कि संस्कृति को जानने का मौका है। आज विद्यार्थियों को सांस्कृतिक मूल्यों से अवगत होना जरूरी है मानवीय मूल्यों से अवगत होना जरूरी है। प्रधानाचार्य ने विद्यालय की सत्र 2024-2025 की रिपोर्ट प्रस्तुति की। उन्होने विद्यालय द्वारा शिक्षा, खेल व अन्य गतिविधियों में अर्जित उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होने विद्यालय के प्रबंधतंत्र की प्रशंसा की कि वह विद्यायल के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है। उन्होने अपने भाषण का समापन एक जोशीली कविता से किया कार्यक्रम के ग्राड फिनाले की शानदार प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। आज के कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक श्री विवेक सिंह, श्रीमती प्रिया राना व सिम्मी नाजिर थी। कला विभाग की श्रीमती रचना यादव, श्री मनोज सक्सेना श्रीमती अर्चना पांडेय का भी योगदान रहा। एन0सी0सी0 कैडेट्स की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसका संचालन श्री राजीव सिंह कर रहे थे। कार्यक्रम की सफलता में सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं व अन्य कर्मचारियों का भरपूर योगदान रहा। आज के एंकर्स विद्यालय के शिक्षक रिधिमा थारेजा, मानसी शर्मा, प्रांजल शर्मा व विद्यालय के विद्यार्थी शिवांगी मोहश्वरी, अथर्व मिश्रा, आराध्या चांडक, अक्षिता माहेश्वरी, आस्था छाबडी व आराध्या भारद्वाज थी।

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