राजकीय महिला महाविद्यालय में मिशन शक्ति 5.0 के तहत महिला सशक्तिकरण विषय पर जागरूकता कार्यशाला हुई
बदायूं।आज होप यूनिटी हेल्पिंग वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा राजकीय महिला महाविद्यालय में मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या कल्पना द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा—
“इस प्रकार की कार्यशालाएँ छात्राओं के व्यक्तित्व-विकास, आत्म-सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”

इसके पश्चात कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग, बदायूँ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ तथा अन्य विभागों के अधिकारीगण अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सार्थक बनाते रहे।
मुख्य सत्र में होप यूनिटी हेल्पिंग वेलफेयर फाउंडेशन की निदेशक डॉ. कृष्णा सिंह ने छात्राओं को प्रेरक संबोधन देते हुए कहा—
“आज के समय में महिलाओं का केवल आर्थिक रूप से मजबूत होना पर्याप्त नहीं है। हमें वैचारिक रूप से भी सशक्त, आत्मविश्वासी और जागरूक बनना चाहिए। तथा समाज में फैली दहेज प्रथा जैसी प्रथाओं का विरोध करना चाहिए । प्रत्येक छात्रा को अपने लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।”
इसके बाद महिला कल्याण विभाग की जिला समन्वयक छवि वैश्य ने छात्राओं को सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, सुरक्षा उपायों एवं हेल्पलाइन सेवाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा—
“शिक्षा ही वह शक्ति है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर, सजग और सशक्त बनाती है।”
इसी क्रम में प्रीति चौहान ने छात्राओं को शिक्षा, अनुशासन तथा आत्म-देखभाल पर विशेष ध्यान देने की प्रेरणा दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, की ओर से उपस्थित सुश्री कशिश सक्सेना (LADC )ने छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों, शिकायत निवारण प्रक्रिया, तथा उपलब्ध विधिक सहायता सेवाओं की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जो उनके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. सरिता गौतम ने संस्था एवं सभी विभागों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। महाविद्यालय के समस्त स्टाफ ने कार्यक्रम को सफल एवं प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यह कार्यशाला छात्राओं के सामाजिक, शैक्षिक, कानूनी एवं मानसिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं प्रेरक पहल के रूप में सिद्ध हुई।




















































































