बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार: कमजोर संगठन, गलत रणनीति और टिकट बंटवारे को जिम्मेदार ठहराया

hhhgh
previous arrow
next arrow

बिहार में चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस के कई नेताओं को यह अंदेशा हो गया था कि पार्टी इस बार बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी, लेकिन इस तरह औंधे मुंह गिरने की उन्होंने भी कल्पना नहीं की थी। करारी हार से हैरान कांग्रेस नेताओं ने इसके लिए कमजोर संगठन, गलत टिकट वितरण, नकारात्मक प्रदर्शन, खराब रणनीति और गठबंधन में तालमेल की कमी जैसे कारणों को जिम्मेदार माना है। नेताओं का कहना है कि वोट चोरी के आरोप को जोर-शोर से उछालना, दलबदलुओं को टिकट देना और सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार न दे पाना भी पार्टी के खिलाफ चला। नतीजों ने यह भी साफ कर दिया कि राहुल गांधी का पार्ट-टाइम राजनीति का तरीका काम नहीं कर पा रहा है। रुझानों के दौरान दिल्ली से पटना तक कई नेताओं ने कहा कि सामाजिक न्याय से लेकर वोट चोरी अभियान तक पार्टी के मुख्य मुद्दे जमीनी स्तर पर असर नहीं कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक संकेतों को समय रहते समझा नहीं गया। पार्टी नेताओं के अनुसार सामाजिक न्याय की लाइन ने पार्टी के बचे-खुचे सवर्ण वोटरों को भी दूर कर दिया। राहुल गांधी ने एसआईआर और वोट चोरी अभियान को चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाया, लेकिन इनका जमीनी प्रभाव बेहद कमजोर रहा। कांग्रेस के कई नेताओं ने माना कि एनडीए से आने वाले नेताओं को टिकट देकर स्थानीय स्तर पर नाराजगी बढ़ गई। सोनबरसा, कुम्हरार, नौतन, फारबिसगंज, कुचियाकोट और बलदौर जैसी सीटों पर दलबदलुओं को टिकट देने से कार्यकर्ताओं में असंतोष फैला। नेताओं का कहना है कि जिन लोगों की सोशल मीडिया वॉल अभी तक एनडीए नेताओं के साथ तस्वीरों से भरी हो, उन्हें टिकट देकर पार्टी ने अपनी विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए। नेताओं के मुताबिक एसआईआर और वोट चोरी जैसे मुद्दे जमीनी तौर पर दम तोड़ते दिखे, तब जाकर पार्टी ने रोजगार और युवाओं के मुद्दे पर ध्यान दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वहीं महिलाओं और अति पिछड़े वर्गों के बीच कांग्रेस अपनी पैठ नहीं बना पाई, जबकि नीतीश कुमार की महिलाओं में लोकप्रियता और योजनाओं ने महागठबंधन को और पीछे धकेल दिया। बिहार में कांग्रेस का यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन साबित हुआ। पार्टी को करीब 8.73 फीसदी मत मिले, जो उसे फिर से 2010 के स्तर पर ले गया, जब उसे मात्र चार सीटें और 8.37 फीसदी वोट मिले थे। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती के दिन मिली इस हार ने कांग्रेस के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। कांग्रेस 1990 से बिहार में वापसी की कोशिश करती रही है, लेकिन उसका मत प्रतिशत लगातार गिरता गया। 1985 में जहां पार्टी ने 39.3 फीसदी वोट और 196 सीटें जीती थीं, वहीं 1990 में सीटें घटकर 71 रह गईं, हालांकि वोट प्रतिशत 24.78 था। इसके बाद 1995 में 29 सीटों पर 16.27 फीसदी वोट, 2000 में 23 सीटों पर 11.6 फीसदी वोट और 2005 के मध्यावधि चुनाव में मात्र 10 सीटों के साथ 5 फीसदी वोट मिले। 2010 में सीटें घटकर चार रह गईं और वोट प्रतिशत 8.37 रहा, जबकि 2015 में 27 सीटों पर 6.66 फीसदी मतदान मिला। कांग्रेस की पांच बड़ी गलतियों में संगठन की गिरती स्थिति सबसे ऊपर मानी जा रही है। टिकट बंटवारे ने कई जिलों में खुले विरोध को जन्म दिया। समस्तीपुर, सीतामढ़ी और नालंदा में कार्यकर्ताओं ने “हम आरजेडी के सिपाही नहीं” लिखकर प्रदर्शन किए। बूथ प्रबंधन में भी पार्टी बुरी तरह पिछड़ी रही और करीब 80 प्रतिशत केंद्रों पर उसकी उपस्थिति कमजोर रही। राहुल गांधी की रैलियों का आकर्षण कम होता दिखा और कई कार्यक्रमों में कुर्सियां खाली रहीं। साथ ही कटिहार, दरभंगा ग्रामीण और हिलसा जैसी सीटों पर बागी उम्मीदवारों ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया। रुझान आते ही कांग्रेस में आत्ममंथन की मांग उठने लगी। पिछली बार 70 में से 19 सीटें जीतने वाली पार्टी इस बार उस प्रदर्शन के करीब भी नहीं पहुंच पाई। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अगर नतीजे रुझानों के अनुरूप रहे तो पार्टी को गंभीरता से आत्मचिंतन करना होगा। उन्होंने कहा कि हम गठबंधन के प्रमुख साझेदार नहीं थे, पर राजद को भी अपने प्रदर्शन पर विचार करना चाहिए। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने भी माना कि यह नतीजे संगठन की कमजोरी को उजागर करते हैं। उनका कहना है कि चुनाव संगठन की ताकत पर लड़े जाते हैं, और कमजोर संगठन चुनावी नतीजों को बुरी तरह प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार सक्षम थे, पर और बेहतर चेहरे चुने जा सकते थे। शशि थरूर ने कहा कि सिर्फ बैठकर सोचने से कुछ नहीं होगा। हमें रणनीतिक, संदेश और संगठनात्मक स्तर पर हुई गलतियों को पहचानकर सुधार करना होगा। वहीं कांग्रेस से अलग हुए शकील अहमद ने भी कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए और टिकट वितरण संबंधी शिकायतों की जांच होनी चाहिए।

ReferralCodeLLVR11
previous arrow
next arrow
WhatsAppImage2024-06-13at1242061
previous arrow
next arrow
WhatsAppImage2025-06-11at40003PM
previous arrow
next arrow
WhatsAppImage2024-10-20at41111PM1
previous arrow
next arrow
WhatsAppImage2023-04-17at53854PM4
previous arrow
next arrow
Home
Live TV
VIDEO NEWS
error: Content is protected !!
Verified by MonsterInsights