बदायूं। राजकीय महाविद्यालय में चल रहे रेंजर-रोवर प्रशिक्षण शिविर के द्वितीय दिवस का आयोजन उत्साह, अनुशासन और टीम भावना के साथ सम्पन्न हुआ। दिन की शुरुआत प्रधानाचार्य डॉ. अनिल कुमार द्वारा ध्वजारोहण से हुई। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि रेंजर-रोवर प्रशिक्षण केवल अनुशासन और सेवा का प्रतीक नहीं, अपितु यह विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का सशक्त माध्यम है। उन्होंने शिविरार्थियों को आत्मविश्वास, सहयोग और निष्ठा के साथ समाज सेवा करने के लिए प्रेरित किया। दूसरे दिन के प्रशिक्षण सत्रों में जिला ट्रेनिंग कमिश्नर असरार अहमद ने विभिन्न प्रकार के गांठ बाँधना, टेंट निर्माण,आगजनी, बाढ़, भूकम्प आदि से बचाव के तरीके सिखाए। उन्होंने महापुरुषों के नाम पर टोलीयों का गठन कर संकट काल में जीवन जीने की कला भी सिखाई। रेंजर लीडर श्रीमती शशी प्रभा ने अपने संबोधन में कहा कि “रेंजर होना केवल वर्दी पहनना नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सेवा और सहयोग की भावना को अपनाना है।” उन्होंने रेंजर छात्राओं को नारी सशक्तिकरण और समाज सेवा में सक्रिय भागीदारी का संदेश दिया। वहीं रेंजर लीडर डॉ. सरिता ने कहा कि “शिविर के ये अनुभव जीवन भर प्रेरणा देते हैं। यहाँ सीखे गए कौशल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में अग्रसर करते हैं।” रोवर लीडर डॉ. प्रेमचंद ने प्रतिभागियों से कहा कि “रोवर स्काउट का मूल उद्देश्य आत्मनिर्भरता, अनुशासन और समाज के प्रति संवेदनशीलता है। हर रोवर को इन मूल्यों को अपने व्यवहार में उतारना चाहिए।” रोवर लीडर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि “रेंजर-रोवर संगठन युवाओं को जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने की प्रेरणा देता है। टीम भावना और सेवा भाव ही सच्चे स्काउट की पहचान है।” इस अवसर पर डॉ. हुकुम सिंह, डॉ. सरिका शर्मा, डॉ बबीता यादव, डॉ दिलीप कुमार आदि उपस्थित रहे।