बदायूं में उर्से कादरी का कुल शरीफ की फातहा के साथ हुआ समापन, अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ा
बदायूं। विश्व प्रसिद्ध दरगाह आलिया कादरिया पर हज़रत शाह ऐनुल हक अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय 184 वां सालाना उर्स-ए-कादरी साहिबे सज्जादा काजी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी की सरपरस्ती एवं निगरानी में अदबों एहतिराम व शानो शौकत के साथ मनाया गया। रविवार को आयोजित बाद नमाज़े इशा बड़ी महफिल कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस में नातखां एवं उलेमाओं ने तकरीरें पेश कीं। सोमवार सुबह फजर की नमाज़ के बाद कुल शरीफ की फातहा के साथ उर्स का समापन हुआ। जिसमे साहिबे सज्जादा काजी ए जिला हज़रत अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी ने मुल्क में अमन चैन व तरक्की की दुआएं मांगी।

नगर के मोहल्ला चक्कर की सड़क स्थित दरगाह ए आलिया कादरिया पर तीन दिवसीय उर्स-ए-कादरी की आखिरी बड़ी महफिल कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस में रविवार की रात नातिया कलामों की तथा मजहबी तकरीरों की महफिल सजाई गई नातखाओ ने रूहानी व पाकीजा कलाम पेश किए। पूरी रात चला अरबी, फारसी, उर्दू तकरीरों का दौर। मुख्य अतिथि के तौर पर मेहमाने खुसूसी रफीके मिल्लत हज़रत सैयद नजीब हैदर नूरी सज्जादा नशीन खानकाहे बरकातिया मारहरा शरीफ़ रहे मुख्य अतिथि का स्वागत क़ाज़ी ए जिला हजरत अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी और हज़रत मौलाना फ़ज़ले रसूल मोहम्मद अज़्जाम मियां क़ादरी ने किया। रफीके मिल्लत हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी ने कहा खानकाहे बरकातिया मारहरा शरीफ़ और खानकाहे आलिया कादरिया के रिश्ते हमेशा से बहुत मज़बूत रहे है और हमेशा रहेंगे खानकाह के सूफी संत बुज़ुर्गों ने हमेशा सभी का अदब सम्मान करना सिखाया है। कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस में साहिबे सज्जादा काजी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी ने कहा मुश्किल बक्त में घबराना नहीं चाहिए हमें कामयाब होने के लिए नमाज़ और कुरान से रिश्ता मज़बूत करना चाहिए। उर्स-ए-कादरी में आवामी अकीदतमंदों के अलावा दूर-दराज से आए हुए जायरीनों की खासी भीड़ मौजूद रही। जिनको क़ाज़ी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी ने दुआओं से नवाजा साथ ही वतन व काम की सलामती व खुशहाली कायम रहने के लिए दुआएं खैर की।बिरादरे अज़ीज़ हज़रत अज़्ज़ाम मिया कादरी ने कार्यक्रम के दौरान देशभर से आये सभी खनकाह के सज्जादा नशीन का मंच पर स्वागत किया मंचसीन बड़े बड़े उलमा उपास्थि रहे। और साथ ही मदरसा आलिया कादरिया के कई तालिब इल्म की दस्तार बंदी की गई क़ाज़ी ए जिला ने उनके सरों पर फजालत की पगड़ी बांधी।




















































































