ट्रंप ने सहयोगियों को दी माफी, फिर उठे विवाद के तूफान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूर्व निजी वकील रूडी जूलियानी, पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज और कई सहयोगियों को माफी दे दी है। इन सभी पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को पलटने की कोशिशों में शामिल होने के आरोप थे। न्याय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। ट्रंप प्रशासन का यह कदम एक बार फिर राजनीतिक विवादों के केंद्र में आ गया है। न्याय विभाग के अधिकारी एड मार्टिन ने सोशल मीडिया पर इस माफी का आधिकारिक दस्तावेज साझा किया, जिसमें लिखा गया है कि राष्ट्रपति ने पूर्ण, संपूर्ण और बिना शर्त माफी दी है। इस सूची में रूढ़िवादी वकील सिडनी पॉवेल और जॉन ईस्टमैन के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने 2020 के चुनाव में ट्रंप की कानूनी टीम के रूप में काम किया था। हालांकि दस्तावेज में स्पष्ट किया गया है कि यह माफी स्वयं डोनाल्ड ट्रंप पर लागू नहीं होती। अमेरिका में राष्ट्रपति द्वारा दी गई माफी केवल संघीय अपराधों पर लागू होती है, जबकि ट्रंप के इन सहयोगियों पर कोई संघीय मामला नहीं चल रहा था। इसके बावजूद इस कदम को ट्रंप द्वारा 2020 की चुनावी हार की कथा को दोबारा लिखने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने इस निर्णय को लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा पर हमला बताया है, जबकि ट्रंप समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध का सुधार बता रहे हैं। रूडी जूलियानी ने ट्रंप की कानूनी टीम का नेतृत्व किया था और चुनावी परिणामों को उलटने की कोशिशों में सबसे आगे रहे थे। वहीं मार्क मीडोज व्हाइट हाउस के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी थे, जिन्होंने चुनाव के बाद कई विवादित बैठकों में हिस्सा लिया। जॉन ईस्टमैन और सिडनी पॉवेल ने अदालतों में चुनावी धांधली के दावे पेश किए थे, जिन्हें न्यायालयों ने पूरी तरह खारिज कर दिया। व्हाइट हाउस ने इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं डेमोक्रेटिक सांसदों ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वे राष्ट्रपति पद का इस्तेमाल अपने राजनीतिक सहयोगियों को कानूनी सुरक्षा देने के लिए कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भले ही यह माफी प्रतीकात्मक हो, लेकिन इससे अमेरिकी न्याय व्यवस्था और लोकतांत्रिक परंपराओं पर नई बहस छिड़ गई है।




















































































