बदायूं। जनपद में नमामि गंगे जेविक खेती योजना जो गंगा बेसिन क्षेत्र के 5 विकास खण्डों दहगवां, सहसवान, उझानी, कादरचौक एवं उसावां के 67 गावों के 1700 हेक्टेयर क्षेत्र में विगत वर्ष 2020-21 से यूपी डास्प बदायूं द्वारा संचालित है। जिलाधिकारी दीपा रंजन, मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत एवं उप कृषि निदेशक डॉ0 रामवीर सिंह कटारा के मार्ग निर्देंशन में जिलायोजना समन्वयक यूपी डास्प डा0 ए0के0 मिश्र एवं कार्यदायी संस्थाओं यथा शीलबायो टेक लि0 एवं प्रमाणीकरण संस्था सिम्फैड के अथक भागीरथ प्रयास का ही फल है कि परियोजना अपना मूलरूप लेने लगी है, जिसके फलस्वरूप जनपद के कृषकों के उत्साह एवं बढ-चढ कर भागीदारी लेने से भारत सरकार द्वारा जनपद में 2000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में परियोजना के द्वितीय चरण की भी स्वीकृत मिल चुकी है। इसके अन्तर्गत साथ में लगे अवशेष गावों एवं 2 कि0मी0 परिधि को बढाते हुए और क्षेत्रफल विस्तार किया जा रहा है,ं जिससे अन्य क्षेत्रफल एवं इच्छुक कृषकों को भी समायोजित किया जायेगा। उक्त बातें आज जिलाधिकारी द्वारा जिला स्तरीय शासी निकाय बैठक में सभी को अवगत कराया गया। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जैविक खेती योजना के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एन.आर. एल. एम. महिला समूहों का भी जैविक उत्पादों के विपणन में सहयोग लिया जाये तथा औषधीय फसलों की खेती को भी जैविक योजना में जोडा जाये। बैठक के दौरान कार्यदायी संस्थाओं के 2448000.00 एवं लाभार्थी किसानों के डी.बी.टी. भुगतान रू. 5492999.00 की स्वीकृत भी की गयी। बैठक में उपकृषि निदेशक डी.पी.सी. डास्प, जिला विकास अधिकारी, गन्ना अधिकारी, जिलाकृषि अधिकारी एवं संस्था प्रतिनिधि एवं फार्मर प्रोडयूसर कम्पनी व अन्य सहयोगी अधिकारीगण उपस्थित रहे।