अखिल भारतीय स्तर पर सप्त शक्ति संगम कार्यक्रमों की एक देशव्यापी श्रृंखला आयोजित की जा रही
बरेली। विद्या भारती द्वारा सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम को लेकर सरस्वती शिशु मंदिर में बाल कल्याण समिति द्वारा एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। जिसमें कार्यक्रम की जिला संयोजिका डा0 नीलम गुप्ता प्रोफेसर राजनीतिक विभाग, बरेली कॉलेज , जिला सह संयोजिका डा0 अजिता सिंह तिवारी प्रोफेसर एम.एड. विभाग, बरेली कॉलेज बरेली एवं अर्चना प्रधानाचार्या कांति कपूर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ने पत्रकारों के पूछे जाने पर सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम के विषय में बताते हुए कहा कि मातृशक्ति के जागरण के उद्देश्य को लेकर विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर सप्त शक्ति संगम कार्यक्रमों की एक देशव्यापी श्रृंखला आयोजित की जा रही है। विजयादशमी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष आरम्भ हो चुका है और संघ के विविध संगठनों के द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सप्तशक्ति संगम कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित हुआ है। पूरे देश में 15000, ब्रज प्रदेश में 650, एवं बरेली में 125 कार्यक्रम किये जाने की योजना है। सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम के अंतर्गत मातृ सम्मेलनों का आयोजन करना सुनिश्चित किया गया है। मातृशक्ति को समृद्ध एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए संकल्पित एवं जागृत करने हेतु यह कार्यक्रम पूर्णतः महिलाओं के द्वारा, महिलाओं का एवं महिलाओं के लिए बनाया गया है। गीता के 10वें अध्याय के 34वें श्लोक में वर्णित नारी के सात गुणों जिसमें नारी को शक्ति स्वरूपा माना गया है इनको आधार मानते हुए इन कार्यक्रमों का नाम सप्तशक्ति संगम रखा गया है। संघ की शताब्दी वर्ष में समाज परिवर्तन के लिए पंच परिवर्तन का संकल्प लिया गया है जिनमे कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य, स्व का बोध एवं पर्यावरण संरक्षण है। इन 5 विषयों में से दो विषय विद्या भारती ने मातृ सम्मेलनों के लिए चयनित किए हैं— कुटुंब प्रबोधन एवं पर्यावरण संरक्षण के सन्दर्भ में भारतीय दृष्टि से मजबूत परिवार ही मजबूत समाज एवं राष्ट्र का आधार होता है एवं इसका आधार मातृशक्ति होती है। हम सभी जानते हैं कि यह परिवार, पर्यावरण एवं यह प्रकृति अन्योन्याश्रित की तरह काम करते हैं। हमारी समस्त परंपराएं एवं संस्कृति पर्यावरण हितैषी हैं। उनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है। महिलाएं संस्कृति की संवाहक मानी गई हैं इसलिए हम अपनी परंपराओं को संरक्षित करके पर्यावरण का संरक्षण करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह सभी कार्यक्रम 5 अक्टूबर 2025 से 23 जनवरी 2026 तक होना सुनिश्चित किया गया है। इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी सप्त शक्ति संगम श्री राम किशोर श्रीवास्तव बाल कल्याण समिति के मंत्री श्री दिनेश मलिक विद्यालय प्रधानाचार्य सुनील कुमार सिंह सहित मीडिया प्रभारी राजेश कुमार शर्मा उपस्थित रहे।




















































































