बरेली। छात्र उपस्थिति से जोड़कर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध किए जाने के विरोध में गुरुवार को शिक्षक भड़क गए। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, बरेली के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और देर रात तक धरना-प्रदर्शन करते हुए कार्रवाई की निंदा की। धरना का नेतृत्व कर रहे महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार शर्मा के साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने डीबीएसए कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। संगठन मंत्री सत्यार्थ पाराशरी ने कहा कि महासंघ सदैव शैक्षिक नवाचार के समर्थन में रहता है, लेकिन जमीनी समस्याओं को दरकिनार कर वेतन रोकने का फैसला अनुचित है। जिला कोषाध्यक्ष परीक्षित गंगवार ने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व की ओर से महानिदेशक को भेजे गए पत्र में विशेषज्ञ समिति के निर्णय आने तक पूर्व व्यवस्था के अनुसार उपस्थिति दर्ज करने का आग्रह किया गया है। जिला उपाध्यक्ष पारुल चंद्रा ने कहा कि “वेतन शिक्षक का सम्मान और सुरक्षा है। विभागीय कार्यों के नाम पर बार-बार वेतन रोकना मानसिक उत्पीड़न है।” प्रदर्शन में जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष शरद दीक्षित, जिला मंत्री शिखा अग्रवाल, ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद तिवारी (आलमपुर जाफराबाद), अवनीश गंगवार (भुता), सत्यपाल सिंह (मझगांवा), दीपक कुमार (शेरगढ़), राजपाल गंगवार (भोजीपुरा), हरविंद्र सिंह, शालिनी, अंजू सहित सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे। शिक्षकों ने वेतन बहाल करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।