मिशन शक्ति फेज-5 के तहत महिला स्वावलंबन एवं सरकारी योजनाओं पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सोमवार को मिशन शक्ति फेज-5 के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं के स्वावलंबन और सरकारी योजनाओं की जानकारी पर विशेष जोर दिया गया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण पहल का हिस्सा है, जो महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रोफेसर संतोष अरोरा ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लड़की के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा तक विभिन्न चरणों में कुल 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें जन्म पर 5,000 रुपये, टीकाकरण पर 2,000 रुपये और स्कूल प्रवेश पर अतिरिक्त राशि शामिल है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिका भ्रूण हत्या को रोकना, लिंग अनुपात में सुधार और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त करना है।
प्रोफेसर अरोरा ने पति की मृत्यु उपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह योजना उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी विधवाओं को मासिक 1,000 रुपये की पेंशन प्रदान करती है, बशर्ते उनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2 लाख रुपये से कम हो। यह योजना 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए है और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना उन बच्चों के लिए है जिन्होंने कोविड-19 या अन्य कारणों से माता-पिता या अभिभावक खो दिए हैं। योजना के तहत ऐसे बच्चों को पालन-पोषण, शिक्षा और चिकित्सा के लिए 4,000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती है, साथ ही संस्थागत देखभाल की सुविधा भी उपलब्ध है।
स्पॉन्सरशिप योजना और उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर अरोरा ने जोर दिया कि ये योजनाएं असुरक्षित बच्चों, जैसे अनाथों या अलग-अलग माता-पिता वाले बच्चों को क्रमशः 4,000 रुपये और 2500 रुपए मासिक सहायता प्रदान करती हैं। इनका उद्देश्य बच्चों को पारिवारिक वातावरण में रखते हुए उनकी देखभाल सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम में डॉ. तरुण राष्ट्रीय, डॉ. प्रतिभा सागर, डॉ. रश्मि रंजन, डॉ. कीर्ति प्रजापति, डॉ. रामबाबू सिंह सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे। विभाग के शोधार्थी उपवन, आकाश, शाबिया, सत्येंद्र, अनुराधा, सत्यप्रकाश, जगदीश, मीनू, हर्ष, मधुबाला आदि ने भी सक्रिय भागीदारी की। प्रतिभागियों ने योजनाओं के लाभ उठाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर चर्चा की।
यह कार्यक्रम मिशन शक्ति फेज-5 की थीम ‘महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन’ के अनुरूप था, जिसमें रोजगार, स्वास्थ्य हेल्पलाइन और जागरूकता अभियान जैसे पहलू शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों से महिलाओं और बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी।