“इस दुनिया से आपको खाली हाथ जाने की ज़रूरत नहीं है।”

बरेली । सुख और दुख जीवन के दो पहलू हैं। सुख में मनुष्य की यही कोशिश रहती है कि सुख का लाभ मिलता रहे पर जब दुख होता है तो मनुष्य व्याकुल हो जाता है। अच्छा-बुरा तो सभी लोग जानते हैं, पर एक सच्चाई है जो अच्छे और बुरे, दोनों से परे है। यह सच्चाई हम सबके हृदय में व्याप्त है, पर हम उससे अनभिज्ञ रहते हैं। कठिनाइयों और समस्याओं में फंसकर हम जीवन को तराजू में तौलते रहते हैं कि मैंने क्या पाया और क्या खोया। लोग सोचते हैं कि नौकरी है, परिवार है, जिम्मेदारियां हैं ये सब कुछ हमारा जीवन है। लेकिन यह जीवन नहीं है। इस जीवन में अगर कोई महत्वपूर्ण चीज है तो वह है एक एक स्वांस, जो अंदर आता है और जाता है। जिस दिन इस स्वांस का आना-जाना बंद हो जाएगा, तुम्हारा सारा मान सम्मान सब रिश्ते नाते, तुम्हारी नौकरी, सारा धन-वैभव और वे सब चीजें जिनको तुम जीवन समझते हो. वे सब समाप्त हो जायेंगी। अगर जीवन का लक्ष्य कुछ होना चाहिए तो क्या सबसे श्रेष्ठ लक्ष्य यह नहीं होना चाहिए कि मैं उस बीज को जान लें जिसके अभाव में मैं कुछ नहीं हूं जिसके होने से मैं सब कुछ हूँ। अगर मैं उसी चीज को नहीं जानता हूँ, तो मेरा जीवन अधूरा है। जीवन है तो समस्याएं हैं। मनुष्य इन समस्याओं से बच नहीं सकता। जितनी भी हमारी समस्याएं हैं, वे सब हमारी ही बनाई हुई हैं। ये दुनिया की सारी चीजें सबके लिए एक ही जैसी है। नया रूप-रंग ले लेती हैं, पर समस्याओं की हथौडी सबको चोट पहुंचाती है। कारण स्पष्ट है कि लोग अपने इन कंधों पर हर एक बात का बोझ ले लेते हैं। जीवन में निराशा को स्थान नहीं देना चाहिए। अगर आपके जीवन में निराशा है, तो आशा भी तो है। आशा यह है कि कल सूर्य दोबारा उदय होगा। जैसे सूर्य उदय होता है और अस्त होता है, दिन समाप्त होता है और रात्रि आती है, उसी प्रकार आपके जीवन में भी एक नया दिन आता है। उस नए दिन का स्वागत कीजिए अपनी आशाओं को देखो, अपने आनंद को देखो। यह आपके लिए आशाओं से भरा हुआ नया दिन है, नई सुबह है। जो कुछ भी आपने कल किया, आज वह सबकुछ आपके लिए बदल सकता है। आप अपने जीवन में अपनी असली आशा को पाइए बनाने वाले ने आपको दिया है यह शरीर, यह स्वांस दिया है। इस मौके का लाभ उठाएं यह जो स्वांस आपके अंदर आ रहा है और जा रहा है, यह अनमोल है। वही स्वांस जो भगवान की कृपा से बिना कुछ सोचे समझे बिना बटन दबाए अपने आप आता है और अपने आप जाता है। क्या छोड़ जाता है?पीछे जिन्दगी छोड़ जाता है। एक ऐसा समय छोड़ जाता है. जो दोबारा नहीं आएगा। एक ऐसा उपहार छोड़ जाता है, जिस उपहार को मनुष्य ग्रहण करना चाहता है, स्वीकार करना चाहता है, लेना चाहता है। यह उपहार है जीवन । आप खाली हाथ इस दुनिया में आये थे, पर आपको खाली हाथ जाने की जरूरत नहीं है। कुछ लेकर जाओ। क्या लेकर जा सकते हैं अपने साथ अपने हृदय के अंदर प्यार को लेकर जा सकते हैं। जो हृदय रूपी प्याला है, उसको भरकर ले जा सकते हैं। अगर यह बीज याद रहे कि ये मेरा जीवन है, यह मेरा स्वांस है, मेरे पास एक अनमोल चीज है और मैं उसको खो कर नहीं तो मेरे लिए सबकुछ बदल जायेगा। चाहे बाहर से कुछ नहीं बदले, पर अंदर से सबकुछ बदल जायेगा। समझ जाओगे, उस दिन आप शंकाओं में नहीं रहेंगे, बल्कि स्पष्टता में रहेंगे। जिस दिन आपको उस चीज़ से प्यार हो जायेगा, जो आपके अंदर आ रही है और जा रही है, तो इस जीवन से प्यार हो जायेगा। जिस दिन आपको इस अनमोल चीज से प्यार हो जायेगा, जो आपकी जिन्दगी है उस दिन आप आजाद हैं और उस दिन आपकी असली आजादी है।