रामलीला मंचन के दूसरे दिन सीता स्वयंवर औऱ शिव धनुष तोड़ने की लीला का मंचन हुआ

खटीमा ।शहर की सबसे प्राचीन रामलीला सनातन श्री रामलीला पत्र परिषद द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के दूसरे दिन मीना बाजार के सुंदर दृश्य के साथ सीता स्वयंवर में भगवान श्री राम द्वारा शिव धनुष तोड़ने का दृश्य देखकर पूरा पंडाल जय श्री राम के नारों से गूंज उठा, आज की रामलीला में राजा जनक द्वारा सीता स्वयंवर के लिए आमंत्रित एक से एक धुरंधर राजकुमारों की उपस्थिति में राजा जनक ने आह्वान किया कि सीता स्वयंवर में जो राजकुमार शिव धनुष उठा सकेगा वह अपनी पुत्री राजकुमारी सीता का विवाह उस राजकुमार के साथ संपन्न करेंगे सीता स्वयंवर में कई देशों के राजकुमार बलशाली, धनुर्विद्या में नीपूर्ण ,शक्तिशाली, एक से एक महान योद्धा, राजकुमारों ने भाग लिया एक-एक करके सभी उपस्थित राजकुमारों ने सीता स्वयंवर में शिव धनुष उठाने का प्रयास किया परंतु कोई भी राजकुमार शिव धनुष हिला तक नहीं पाया यह देख राजा जनक चिंतित हो उठे अंत में श्री राम जी ने अपने गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर धनुष उठाने के लिए आगे कदम बढ़ाए तो सभी लोग कौतूहल होकर देखने लगे और सोचने लगे कि यह राजकुमार शिव धनुष को किस प्रकार उठाएगा, यक्ष प्रजापति के यज्ञ क्यों भंग करने वाले देवताओं को भगवान शिव ने अपना शिव धनुष प्रदान किया था यह शुभ शिव धनुष , शिव चाप के नाम से भी जाना जाता था राजा देवव्रत से राजा जनक को प्राप्त शिव धनुष, शिव चाप के महत्त्व को राजा जनक जानते थे उन्होंने सीता के लिए योग्य वर चुनने के लिए ऐलान किया था कि जो शिव धनुष को तोड़ेगा सीता का विवाह उस राजकुमार से संपन्न होगा आज जब श्री राम ने धनुष को अपने हाथ में लिया तो वह धनुष बिजली की तरह चमक उठा धनुष के प्रत्याशा रस्सी चढ़ाते हुए श्री राम जी के मजबूत हाथों में आते ही धनुष बीच में से टूट गया जैसे ही धनुष टूटा आकाशीय बिजली चमक उठी पृथ्वी डोलने लगी देवी देवता सब अचंभित हो गए सीता स्वयंवर में जय श्री राम के नारे गूंज उठे सभी को ज्ञात हो गया कि आज राजा जनक की पुत्री सीता को श्री राम के रूप में अपना स्वयंवर मिल गया है उसके बाद राम सीता विवाह की तैयारी होने लगी, रामलीला मंचन में आज मुख्य रूप से रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राजेश गुप्ता संरक्षक रमेश सिंघल इंद्रेश गुंबर वरुण अग्रवाल ईश्वर चंद्र सिंघल वीरेंद्र रावत विशेष आमंत्रित सदस्य मनोज वाधवा आदि उपस्थित रहे, श्री राम की भूमिका का मुख्य किरदार आशीष आर्य एवं सीता के किरदार की भूमिका में अंशु सिंह ने मंचन किया