गुंडे यूपी छोड़कर पलायन कर गए, तो अब अपराध कर कौन रहा है : चंद्रशेखर आजाद

बरेली। आजाद समाज पार्टी काशीराम ने बरेली संजय कम्युनिटी हॉल में प्रबुद्ध जन सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया कार्यक्रम में हजारों की संख्या में पहुंचे कार्यकर्ता ।
भीम आर्मी प्रमुख और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने बरेली में कार्यक्रम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। व्यापारी, शिक्षक, किसान और आम जनता किसी भी तरह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
चंद्रशेखर ने कहा कि गोरखपुर में दीपक गुप्ता की हत्या हो या लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं, यह सब खराब कानून व्यवस्था का नतीजा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार यह दावा करती है कि गुंडे यूपी छोड़कर पलायन कर गए, तो अब अपराध कर कौन रहा है?
नेपाल जैसा आक्रोश, यूपी में भी असंतोष
भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि नेपाल में जिस तरह जनता में आक्रोश दिखाई दे रहा है, वैसा ही आक्रोश उत्तर प्रदेश की जनता के भीतर भी पनप रहा है। लोग व्यवस्था से परेशान हैं लेकिन सरकार उनकी आवाज़ दबाने में लगी है।
“धर्म और राजनीति में उलझी सरकार”
चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि सरकार के सभी कामों में धर्म और राजनीति हावी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यूपी को रामराज्य बताते हैं, लेकिन उन्हीं के नज़दीकी रामभद्राचार्य मंच से यूपी को पाकिस्तान कह देते हैं। इस पर चंद्रशेखर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामभद्राचार्य जैसे लोग संत नहीं बल्कि पाखंडी हैं। इन्होंने कितने पाप किए होंगे जो इस जन्म में अंधे हैं।

शिक्षकों की आत्महत्या पर चिंता
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार शिक्षक आत्महत्या कर रहे हैं, यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। सरकार को इस पर ठोस समाधान निकालना चाहिए।
किसान और आवारा पशुओं का संकट
चंद्रशेखर ने कहा कि किसान प्रदेश सरकार के लिए कोई सवाल ही नहीं हैं। उन्हें खाद नहीं मिल रही और ऊपर से आवारा जानवर उनकी फसलें बर्बाद कर रहे हैं। किसान दोहरी मार झेल रहे हैं, मगर सरकार सिर्फ चुनावी मुद्दों और धर्म की राजनीति में उलझी है।
“हम सिर्फ दलितों की नहीं, सबकी लड़ाई लड़ रहे हैं”
भीम आर्मी प्रमुख ने साफ किया कि उनकी राजनीति सिर्फ दलितों तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि वे किसान, अल्पसंख्यक, शिक्षक, व्यापारी और समाज के कमजोर तबकों की आवाज़ उठा रहे हैं। “संविधान पर खतरे कई मायनों में मंडरा रहे हैं और हम सब की लड़ाई संविधान को बचाने की है।” कार्यक्रम में एडवोकेट अच्छन अंसारी , एडवोकेट विकास बाबू बाल्मीकि , एडवोकेट अजय प्रधान , महेश सागर , रोहित सागर , नईम रज़ा, सेमी सागर , राजकमल पाल, अनिल कुमार एडवोकेट, प्रेम गौतम , तमीमुद्दीन बाबू चौधरी, सुनील गौतम, मनोज सागर , पवन कुमार सागर , एम डी सिंह सागर एडवोकेट, सुरेन्द्र , सुनीला आजाद, दर्शन सिंह सागर , रूप किशोर सागर , संजीव सागर, अमर सिंह एडवोकेट आदि मौजूद रहे।