बदायूं। अंडरग्राउंड बिजली लाइन ड्रीम प्रोजेक्ट था। यह प्रोजेक्ट दो सौ करोड़ रुपये से अधिक का बताया जाता है। ड्रीम प्रोजेक्ट और बड़ा प्रोजेक्ट होने की वजह से शायद पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के चहेते व्यक्ति की फर्म को इसका ठेका दिया गया। सपा सरकार में शुरु हुआ अंडरग्राउंड बिजली लाइन प्रोजेक्ट पांच साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इस प्रोजेक्ट पर भाजपा ने भी कोई ध्यान नहीं दिया, उल्टे स्थानीय भाजपा जनप्रतिनिधि व नेताओं ने चुप्पी साध ली। इसी का नतीजा है कि यह प्रोजेक्ट शुरु से ही जानलेवा साबित हुआ है। अंडरग्राउंड बिजली लाइन से दर्जनों जानवर मर चुके हैं। शहर में दो व्यक्तियों की भी मौत हो चुकी है।
अंडरग्राउंड बिजली लाइन में शुरु से कोई भी मानक पूरा नहीं किया गया। कम गहराई पर खुदाई करके केबिल डाल दी गई, जो पहली बारिश में ही बाहर निकल आई। घटिया क्वालिटी के केबिल बाक्स लगाए गए जिनके ढक्कन कुछ समय बाद ही टूट गए। आइये आपको बदहाल अंडरग्राउंड लाइन की तस्वीरे दिखाते हैं। केबिल बाक्स खुले पड़े हैं, ढक्कन और तालों का कहीं नामोनिशान नहीं है।
केबिल लटक रही हैं, कहीं कहीं तो केबिल के अंदर से तार भी बाहर झांक रहे हैं। आपकी जरा सी लापरवाही आपकी जान ले सकती है। पांच साल बाद भी अंडरग्राउंड बिजली लाइन का प्रोजेक्ट अधूरा है। अभी तक सभी उपभोक्ताओं के अंडरग्राउंड लाइन के कनेक्शन भी नहीं हो सके हैं। किसी का कनेक्शन पोल की लाइन से तो किसी का अंडरग्राउंड लाइन से कनेक्शन है। बारिश में जलभराव होने पर नागरिक सड़कों पर निकलने से डरते हैं। कई बार हादसे हो चुके हैं।